Doon Defence Dreamers ने किया दावा- NDA–CDS 2025 एग्जाम में लगभग 80% सवाल क्लास रूम / स्टडी-मटीरियल से
हरिओम चौधरी (Founder-Director CEO DDD) “हमारी अपडेटेड कंटेंट-टीम सिस्टेमैटिक टीचिंग-मेथड और मॉक-टेस्ट आधारित तैयारी की वजह से छात्रों को परीक्षा हॉल में वही पैटर्न—और अधिकांश वही सवाल—देखने को मिले जो हमने क्लासरूम में कवर किए थे। यह पूरे Dreamers परिवार के लिए गर्व का क्षण है।” संस्थान के अनुसार यह समानता गणित जनरल स्टडीज़/करंट अफेयर्स और इंग्लिश—तीनों सेक्शनों में स्पष्ट दिखी।

ब्रांड टीम, देहरादून। 14 सितम्बर को आयोजित NDA 2 2025 और CDS 2025 परीक्षाओं के बाद Doon Defence Dreamers ने बताया कि प्रश्नपत्रों में आए करीब 80% सवाल उनके क्लासरूम टीचिंग, क्लास नोट्स, पीडीएफ और टेस्ट-सीरीज़ से सीधे मेल खाते पाए गए। संस्थान के अनुसार यह समानता गणित, जनरल स्टडीज़/करंट अफेयर्स और इंग्लिश—तीनों सेक्शनों में स्पष्ट दिखी।
हरिओम चौधरी (Founder-Director & CEO, DDD): “हमारी अपडेटेड कंटेंट-टीम, सिस्टेमैटिक टीचिंग-मेथड और मॉक-टेस्ट आधारित तैयारी की वजह से छात्रों को परीक्षा हॉल में वही पैटर्न—और अधिकांश वही सवाल—देखने को मिले जो हमने क्लासरूम में कवर किए थे। यह पूरे Dreamers परिवार के लिए गर्व का क्षण है।”
छात्रों के लिए इसका मतलब क्या है
● आत्मविश्वास में बढ़ोतरी: क्लास में सिखाई गई रणनीतियाँ सीधे सवालों पर लागू हुईं।
● टाइम-मैनेजमेंट बेहतर: सेक्शन-वाइज़ प्लानिंग और नेगेटिव मार्किंग से बचाव आसान हुआ।
● सेलेक्शन की संभावना मजबूत: वास्तविक पेपर-लेवल प्रैक्टिस के कारण अंकों में स्थिरता रही।
पारदर्शिता: सेट-वाइज़ सॉल्यूशन और कट-ऑफ ट्रेंड
DDD ने बताया कि सेट-वाइज़ सॉल्यूशन सेशन और कट-ऑफ ट्रेंड एनालिसिस तैयार कर YouTube चैनल व ऑफिशियल वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिए गए हैं, ताकि परीक्षार्थी रिज़ल्ट से पहले भी अपनी परफॉर्मेंस का निष्पक्ष आकलन कर सकें।
हरिओम चौधरी: “हमने सेट-वाइज़ आंसर-की के साथ डिटेल्ड पेपर-एनालिसिस जारी किया है, ताकि अभ्यर्थियों को अगले चरण की तैयारी के लिए बिल्कुल स्पष्ट रोडमैप मिल सके।”
रिकॉर्ड जो भरोसा बनाते हैं
हाल के महीनों में DDD ने एक महीने में 35 चयन और एक ही दिन में 6 रिकमेंडेशन दर्ज किए हैं। संस्थान का मानना है कि ऐसी निरंतरता ने देहरादून को देश का डिफेंस परीक्षा तैयारी का उभरता हब बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
क्यों मेल खाया इतना कंटेंट
कंटेंट-मैपिंग की संस्कृति: क्लास नोट्स/पीडीएफ/टेस्ट-सीरीज़ को लगातार पेपर-ट्रेंड से मैप करना।
सिस्टेमैटिक टीचिंग-मेथड: कॉन्सेप्ट-बिल्डिंग → प्रैक्टिस → फुल-लेंथ मॉक का अनुशासित चक्र।
अपडेटेड फैकल्टी इनपुट: करंट अफेयर्स और GS में लेटेस्ट टॉपिक्स को समय पर शामिल करना।
आगे की योजना
DDD ने कहा कि पोस्ट-एग्ज़ाम फेज़ में वे डाउट-रिज़ॉल्विंग क्लासेस, रिविज़न मॉड्यूल और इंटरव्यू/SSB-ओरिएंटेड सेशंस भी आयोजित करेंगे, ताकि चयन की संभावनाएँ और बेहतर हों।
“सपना NDA का – भरोसा Dreamers का।”
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