Bettiah New DM: बेतिया को मिले नए जिला अधिकारी, आईएएस धर्मेंद्र ने संभाली कमान; आसान नहीं होगी राह
नए जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार के सामने पश्चिम चंपारण में कई चुनौतियां हैं जिनमें बाढ़ नियंत्रण भ्रष्टाचार अतिक्रमण और मुख्यमंत्री की घोषणाओं को पूरा करना शामिल है। वे पहले भी जिले में एसडीएम के रूप में काम कर चुके हैं इसलिए उन्हें यहां की परिस्थितियों की जानकारी है। विधानसभा चुनाव से पहले सभी योजनाओं को पूरा करना एक बड़ी चुनौती है।

जागरण संवाददाता, बेतिया। नए जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार के लिए जिले में कई चुनौतियां हैं। बतौर एसडीएम में बगहा अनुमंडल में अपने कार्यकाल में जिस तरह से उन्होंने कार्यों का निष्पादन किया, उसको देखकर यहां के लोगों की डीएम से अधिक उम्मीद है। उनकी पदस्थापना ऐसे समय में इस जिले में हुई जब मानसून दस्तक दे रहा है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि इस वर्ष अत्यधिक वर्षा होगी। नेपाल का पानी यहां तबाही मचाता है। इससे निपटना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। बाढ़ आपदा के वितरण में भ्रष्टाचार की शिकायतें आम रहती है। भष्टाचार से भी निपटना किसी चुनौती से कम नहीं है। वहीं दूसरी ओर शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण की समस्या। अतिक्रमण हटाने के प्रयास पर राजनीतिक दबाव।
अतिक्रमण के कारण जाम चुनौती है। हालांकि धर्मेंद्र कुमार भारतीय प्रशासनिक सेवा के तेज तर्रार अधिकारी हैं, वे अपनी बेहतर कार्यशैली के लिए पूरे बिहार में चर्चित रहे हैं। इसके पहले वे दो-दो जिलों के जिलाधिकारी के रूप में कमान संभाल चुके हैं।
दूसरी ओर, पश्चिम चंपारण जिला उनके लिए कोई नई जगह नहीं है। सिविल सेवा के माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बनने के बाद इनकी शुरुआती प्रशिक्षण भी यहीं हुआ। इसके बाद वे मसूरी चले गए। फिर करीब दो वर्ष बाद बगहा के एसडीएम के रूप में इन्होंने कार्यभार संभाला।
पदस्थापन के बाद हीं इन्हें भूकंप जैसे आपदा से जूझना पड़ा था। भौगोलिक रूप से पहाड़, नदियों, वन क्षेत्रों एवं प्राकृतिक वन संपदाओं के भरपूर इस जिले के राजनीतिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवेशों से वे पूर्व से ही वाकिफ हैं। ऐसे में यहां की चुनौतियों से रुबरु होते हुए उनका निष्पदन करना उनके लिए कठिन काम नहीं होगा।
सीएम की घोषणाओं को पूरा करना अहम
मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान उनके द्वारा की घोषणा को धरातल पर उतारना है। प्रगति यात्रा के दौरान सीएम ने बगहा दो और मझौलिया में भ्रमण किया था। वहां यात्रा के क्रम में किए गए कार्यों का फिलवक्त मूल्यांकन भी आवश्यक हैं।
करोड़ों खर्च के बाद योजनाएं धरातल पर लाई गईं थी, जिनके सदुपयोग का सत्यापन और सीएम की ओर से यात्रा के दौरान की गई घोषणाओं को पूरा करना बड़ी चुनौती है। चूंकि आने वाले दिनों में विधानसभा का चुनाव भी है। ऐसे में आचार संहिता लागू होने से पूर्व उन सारी योजनाओं को धरातल पर उतराना होगा।
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