Waqf Property : बिहार के इन 3 शहरों में वक्फ की 350 एकड़ जमीन, ऑल इंडिया कौमी तंजीम की बढ़ी टेंशन
वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) के लागू होने से पश्चिम चंपारण जिले में 350 एकड़ से अधिक वक्फ बोर्ड की जमीन और संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण हो जाएगा। इससे शैक्षणिक संस्थाओं दुकानों और खेतिहर जमीनों पर असर पड़ेगा। कई मामले पटना ट्रिब्यूनल में चल रहे हैं। ऑल इंडिया कौमी तंजीम के जिलाध्यक्ष प्रो. परवेज आलम ने इसे इस्लाम विरोधी बताया है।

जागरण संवाददाता, बेतिया। वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) लोकसभा में पारित हो गया है। इसके लागू होने के बाद वक्फ की संपत्ति पर सरकारी नियंत्रण लगने वाला है। निर्धारित बिल के अनुसार, इसकी देखरेख के लिए नई व्यवस्था आने वाली है। इसका असर बड़े पैमाने पर पड़ने वाला है।
जहां तक पश्चिम चंपारण जिले में वक्फ की जमीन एवं संपत्तियों का सवाल है, तो यहां 350 एकड़ से अधिक वक्फ बोर्ड की जमीन है। इसके अलावा, कई जगह इसकी दुकानें एवं भवन हैं, जहां शैक्षणिक संस्थाएं संचालित हो रही हैं। सर्वाधिक वक्फ की संपत्ति जिला मुख्यालय बेतिया, रामनगर एवं चनपटिया में है।
बेतिया में कहां-कहां है वक्फ की जमीन?
इसमें केवल बेतिया में शैक्षणिक संस्था की बात करें, तो राजकीय अमना उर्दू उच्च विद्यालय वक्फ बोर्ड की जमीन पर संचालित हो रही है। इसके अलावा, मुख्य बाजार जंगी मस्जिद, खुदा बख्श चौक, इंदिरा चौक की कई दुकानें वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। गुलाब मेमोरियरल कॉलेज सुनी वक्फ बोर्ड की संपत्ति है।
योगापट्टी के चमैनिया बाजार में वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। इसी तरह, रामनगर एवं चनपटिया मे तीन दर्जन से अधिक दुकानें वक्फ बोर्ड की हैं। कर्बला की जमीन वक्फ बोर्ड की है। कई जगह खेतिहर जमीन वक्फ बोर्ड की है और अतिक्रमित है, जो लीज या रेंट पर है, उसका नियमित रूप से रेंट नहीं मिल रहा है।
पटना ट्रिब्यूनल में चल रहे वक्फ बोर्ड की तीन मामले
वक्फ बोर्ड की जमीन पर न्यायालयों में चल रहे हैं। इसमें पटना ट्रिब्यूनल में केवल बेतिया से जुड़े वक्फ बोर्ड की जमीन एवं मकान के मामले शामिल हैं। इसमें यूसूफ मिस्त्री वक्फ इस्टेट 983 के दो-दो मकान इंदिरा चोक पर है। इसके अलावा, नगर के बड़ी मस्जिद के पास एक जमीन का मामला पटना ट्रिब्यूनल में चल रहा है।
वक्फ बिल इस्लाम विरोधी: प्रो. परवेज
ऑल इंडिया कौमी तंजीम के जिलाध्यक्ष सह एनसीपी एसपी के संस्थापक सदस्य बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो. परवेज आलम ने एक बयान जारी कर कहा है कि वक्फ संशोधन बिल इस्लाम विरोधी है।
इस बिल के जरिए वक्फ काउंसिल और बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल किया जाएगा, जबकि किसी दूसरी धार्मिक ट्रस्ट संस्थाओं में कानूनी रूप में दूसरे धर्म का व्यक्ति शामिल नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि आज 75 प्रतिशत से अधीक वक्फ मस्जिदों, कब्रिस्तानों और दरगाहों की शक्ल में हैं। इस बिल को पास हो जाने से बहुत सारे वक्फ संपतियों को नुकसान होगा।
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