नव वर्ष पर वाल्मीकिनगर का थारू होम स्टे बना पर्यटकों की पहली पसंद, पटना से पहुंच रहे सैलानी
वाल्मीकि नगर के संतपुर गांव में स्थित थारू होम स्टे नए साल पर पर्यटकों की पहली पसंद बन गया है। पटना सहित अन्य शहरों से बड़ी संख्या में सैलानी यहां प्र ...और पढ़ें

थारू जन जाति की विशेष संस्कृति से परिचित हुए पर्यटक। जागरण
जागरण संवाददाता, बगहा (पश्चिम चंपारण)। Tharu Homestay Bihar: नव वर्ष के अवसर पर वाल्मीकिनगर क्षेत्र का थारू होम स्टे पर्यटकों की पहली पसंद बनकर उभरा है। संतपुर गांव में स्थित यह होम स्टे इन दिनों खासा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
जहां पटना सहित अन्य शहरों से बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। प्रकृति की गोद में बसे इस ग्रामीण पर्यटन स्थल पर पर्यटक शांत वातावरण के बीच ठहरने का आनंद ले रहे हैं।
पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया गया तीन कमरों वाला यह आधुनिक कॉटेज ग्रामीण परिवेश और आधुनिक सुविधाओं का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है।
थारू होम स्टे के प्रोपराइटर संतोष काजी ने बताया कि नव वर्ष के मौके पर पर्यटकों की अच्छी आमद रही। पटना के गांधी मैदान निवासी स्कूल निदेशक पूर्णिमा श्रीवास्तव अपने परिवार के साथ यहां ठहरीं और प्राकृतिक सौंदर्य, हरियाली व ग्रामीण जीवनशैली का भरपूर आनंद लिया।
देसी और आधुनिक सुविधा का अनूठा संगम
यहां ठहरने वाले पर्यटकों के लिए देसी भोजन की विशेष व्यवस्था की गई है। घर जैसा नाश्ता, शुद्ध दूध से बना मीठा दही, देसी चाय और इच्छानुसार देसी मुर्गी जैसे पारंपरिक व्यंजन परोसे जाते हैं।
खास बात यह है कि ऑर्डर देने के एक घंटे के भीतर ताजा भोजन उपलब्ध करा दिया जाता है। प्रति कमरे 1525 रुपये में एयर कंडीशन आवास की सुविधा दी जा रही है। ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।
कॉटेज परिसर में सेव, नींबू, आम और संतरा जैसे फलों के पौधों से सजी सुंदर बागवानी आकर्षण का केंद्र है। ठंड के मौसम में धूप सेंकने के लिए खुला स्थान भी उपलब्ध कराया गया है। सुरक्षा के लिहाज से पूरा परिसर गेट से घिरा हुआ है। पक्की सड़क और बेहतर संपर्क मार्ग के कारण चारपहिया वाहन आसानी से यहां पहुंच सकते हैं।
थारू संस्कृति से रूबरू होने का अवसर
यह होम स्टे केवल ठहरने की जगह नहीं, बल्कि थारू एवं थरुहट क्षेत्र की समृद्ध जनजातीय संस्कृति को करीब से जानने का अवसर भी प्रदान करता है। पर्यटक यहां पारंपरिक आदिवासी आवास, स्थानीय खानपान, वेशभूषा, रीति-रिवाज और रहन-सहन को नजदीक से देख सकते हैं।
गांव में मौजूद हथकरघा, स्थानीय कला और जनजातीय जीवनशैली सैलानियों को अलग ही अनुभव देती है। यही कारण है कि थारू होम स्टे तेजी से पर्यटकों की पसंद बनता जा रहा है।

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