Bihar News: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से भटका बाघ पहुंचा नेपाल, 125 किलोमीटर यात्रा कर की देश की सीमा पार
पिछले माह वीटीआर के मानपुर परिसर से नव वयस्क एक बाघ भटक गया था। वह बाघ 125 किमी की यात्रा कर नए इलाके की तलाश में अंतोगत्वा नेपाल के परसा टाइगर रिजर्व में जा पहुंचा। इस यात्रा के दौरान बाघ ने किसी को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचाया। बाघ के भटकने की पुष्टी वीटीआर क्षेत्र संख्या एक के उप क्षेत्र निदेशक प्रदुम्न गौरव ने की है।

जागरण संवाददाता, बेतिया। पिछले माह वीटीआर के मानपुर परिसर से भटका नव वयस्क एक नगर बाघ नए इलाके की तलाश में अंतोगत्वा नेपाल के परसा टाइगर रिजर्व में अपनी जगह बना ली है।
इसकी पुष्टी वीटीआर क्षेत्र संख्या एक के उप क्षेत्र निदेशक प्रदुम्न गौरव ने की है। उन्होंने बताया कि नए क्षेत्र की तलाश में बाघ ने 125 किलोमीटर की यात्रा की है। इस दौरान किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया है।
भटका बाघ बिरहा नदी के रास्ते मैनाटांड़ अंचल होते हुए चनपटिया के पुरैना, कर्णपट्टी आदि गांवों तक इसने भ्रमण किया। वीटीआर की 15 सदस्यीय ट्रैकिंग टीम ने नर बाघ की ट्रैकिंग एवं अनुश्रवण और उसे आश्रयणी की तरफ मोड़ने के लिए लगातार प्रयास किया था।
बाघ ने किसी नहीं पहुंचाई क्षति
टीम के द्वारा 3 अगस्त को बाघ की ट्रैकिंग कर सूचना दी कि बाघ वीटीआर में प्रवेश करते हुए वहां से नेपाल के परसा नेशनल पार्क में प्रवेश कर गया है। इस प्रकार वीटीआर से भटके बाघ 22 दिन जंगल से बाहर रहकर 125 किलोमीटर की दूरी तय की, लेकिन उस दौरान बाघ ने न किसी मानव को क्षति पहुंचाई और न किसी पालतु पशु की।
उप क्षेत्र निदेशक ने बताया कि बाघ स्वभाव से हिंसक जंतु नहीं हैं, लेकिन छेड़े जाने पर अत्धिक शोरगुल से त्रस्त होकर ही प्रतिक्रिया देता है। नर बाघ के ट्रैकिंग में लगे वन कर्मियों के कार्य सराहनीय बताते हुए उन्हें पुरस्कृत करने बी बात बताई है।
इसके साथ ही वन कर्मियों को आवश्यक सहयोग प्रदान करने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन एवं स्थानीय जनता को वीटीआर प्रशासन की ओर से धन्यवाद दिया गया है।
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