West Champaran: 2.68 लाख नकदी के साथ साइबर अपराधी गिरफ्तार, क्रिप्टो करेंसी का करते थे एक्सचेंज
बेतिया में साइबर पुलिस ने चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये बदमाश लोगों से ठगे गए पैसे को एसबीआई एटीएम के माध्यम से अपने साथियों के खाते में ट्रांसफर करने की फिराक में थे। पुलिस ने उनके पास से दो लाख से अधिक रुपये और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। वे बाइनेंस एप के जरिए फर्जी अकाउंट बनाकर साइबर धोखाधड़ी करते थे।

जागरण संवाददाता, बेतिया। साइबर थाने की पुलिस ने छापेमारी कर साइबर अपराध में संलिप्त चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी नगर निगम कार्यालय के समीप से की गई। चारों बदमाश लोगों से ठगे गए रुपये एसबीआई के एटीएम कैश डिपॉजिट सेंटर से अपने सहयोगी बदमाशों के खाता में ट्रांसफर करने की फिराक में थे। इसी दौरान पुलिस उन्हें दबोच लिया गया।
साइबर थाने के डीएसपी गौतम शरण ओमी ने बताया कि मझौलिया थाना क्षेत्र के जौकटिया चौबे टोला वार्ड 13 निवासी मोहम्मद कलिमुल्लाह अंसारी, अमीरूल्लाह अंसारी, मोहम्मद मेराज आलम व बैरिया थाना क्षेत्र के मोतिपुर वार्ड 18 निवासी मोहम्मद कैश को गिरफ्तार किया गया है।
उनके पास से लोगों से ठगे गए दो लाख 68 हजार तीन सौ रुपये, तीन मोबाइल फोन व एक क्रेटा कार जब्त किया गया है। कलीमुल्लाह अंसारी व अमीरूल्लाह अंसारी सगे भाई है।
पुलिस को देख कार से भागने लगे बदमाश
डीएसपी ने बताया कि गिरफ्तार बदमाश बाइनेंस एप से फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल कर साइबर धोखाधडी करते हैं। राशि को अमेरिकी डॉलर में कंवर्ट कर कमीशन काट कर हस्तांतरित करते है।
जानकारी के अनुसार साइबर थाना की पुलिस को गुप्त सूचना मिली की मझौलिया थाना क्षेत्र के चार साइबर अपराधी लोगों से ठगे गए राशि को एसबीआई एटीएम कैश डिपॉजिट सेंटर से अपने सहयोगी साइबर अपराधियों के खाता में जमा कराने के लिए पीले रंग के कार से आने वाले है।
सूचना पर एसपी ने साइबर डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम गठित किया। अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए गठित टीम व नगर थाना की पुलिस नगर निगम के सामने चेकिंग करने लगी।
कुछ देर बाद पीले रंग की कार काफी तेजी से आती दिखी। रुकने का इशारा करने पर गाड़ी नहीं रुकी। जिसे पुलिस बल के सहयोग से रोका गया। गाड़ी में चार लोग सवार थे। तलाशी लेने पर उनके पास से नकदी व मोबाइल फोन बरामद हुआ।
भारतीय राशि को अमेरिकी डालर में कंवर्ट करने का धंधा
नकदी के बारे में पूछताछ करने पर वे संतोषप्रद जवाब नहीं दे सके। तब पुलिस उनका मोबाइल फोन जांच की। उनके मोबाइल फोन में कई फर्जी अकाउंट, बाइनेंस एप, एटीएम कैश डिपॉजिट के साक्ष्य, फर्जी अकाउंट से संबंधित साक्ष्य मिले है।
पुलिस उनसे कड़ाई से पूछताछ की तो चारों ने स्वीकार किया कि वे बाइनेंस एप के माध्यम से सहयोगी साइबर अपराधियों को यूएसडीटी बेचते हैं और यूएसडीटी के बदले साइबर ठगी कि राशि को विभिन्न फर्जी अकाउंट में मंगवाते है।
जिसे वे एटीएम के माध्यम से निकासी करते है। निकासी की गई राशि में से अपना कमीशन रखकर बची हुई राशि को अपने सहयोगी साइबर अपराधियों के फर्जी खाता में जमा कराते हैं। तब पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर ली। इस मामले में अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म है बाइनेंस एप
सेवानिवृत बैंक प्रबंधक एनके पांडेय ने बताया कि बाइनेंस एप एक शक्तिशाली क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म है। यह उपयोगकर्ता को क्रिप्टो करेंसी खरीदने और बेचने का अधिकार देता है। यह काफी सुरक्षित प्लेटफॉर्म है।
जिन्हें क्रिप्टो करेंसी का कारोबार करना है, उन्हें सीखाता भी है। काफी लोकप्रिय एप है। यहां विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटक्वाइन, एथेरियम और अन्य अल्टक्वाइंस खरीद और बेच सकते हैं।
कई प्रकार का ट्रेडिंग ऑर्डर भी देता है, जैसे लिमिट ऑर्डर, मार्केट ऑर्डर और स्टॉप लिमिट ऑर्डर इत्यादि। यह अपने उपयोगकर्ताओं को ट्रेडिंग रणनीतियों को अनुकूलित करने में भी मदद करते हैं।
यहां सुरक्षितक्रिप्टो वॉलेट है, जहां उपयोगकर्ता अपनी क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर कर सकते हैं। सुरक्षा के लिए कई सुरक्षा उपाय करता है। बावजूद साइबर ठगों ने इसे धोखाधड़ी का अड्डा बना लिया, यह चिंताजनक है।
यह भी पढ़ें- सारण में जमीन, बालू और शराब माफियाओं की संपत्ति होगी जब्त; पुलिस मुख्यालय भेजा गया प्रस्ताव
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।