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    सारण में जमीन, बालू और शराब माफियाओं की संपत्ति होगी जब्त; पुलिस मुख्यालय भेजा गया प्रस्ताव

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 04:53 PM (IST)

    सारण जिले में पुलिस कुख्यात अपराधियों और माफियाओं की संपत्ति जब्त करने की तैयारी में है। लगभग 45-50 अपराधियों की संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय भेजा गया है और अन्य 100 की सूची तैयार की जा रही है। पुलिस का दावा है कि यह कार्रवाई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत की जाएगी जिसके अंतर्गत अपराध से अर्जित संपत्ति जब्त करने का अधिकार है।

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    सारण में जमीन, बालू और शराब माफियाओं की संपत्ति होगी जब्त

    जागरण संवाददाता, छपरा। सारण जिले के बड़े और कुख्यात अपराधियों के अलावा माफियाओं एवं सरगनाओं की पहचान कर इन पर कार्रवाई करने के साथ ही इनकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी। सारण जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र से 45 से 50 कुख्यात बदमाश एवं माफियाओं की संपत्ति जब्त करने के लिए पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) से स्वीकृति के बाद पुलिस मुख्यालय में प्रस्ताव भेजा गया है।

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    सारण के वरीय पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ. कुमार आशीष ने बताया कि विभिन्न चरणों में थाना स्तर से माफियाओं के संपत्ति जब्त करने के लिए आए प्रस्ताव को मुख्यालय में भेजा गया है। इसके अलावा अन्य करीब एक सौ से अधिक बदमाशों एवं माफियाओं की संपत्ति जब्त करने के लिए सूची तैयार की जा रही है। उसका प्रस्ताव आगे भेजा जाएगा।

    मुख्यालय समीक्षा के बाद संपत्ति जब्त करने का देगा निर्देश:

    पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि माफियाओं की संपत्ति जब्त करने के लिए पूरी प्रक्रिया को अपनाना पड़ता है। इसके लिए केंद्रीय जांच एजेंसी और पुलिस महकमा की संयुक्त रूप से एक समन्वय कमेटी बनी है।

    कमेटी में पुलिस महकमा के आला अधिकारियों के अलावा सभी प्रमुख केंद्रीय जांच एजेंसियों के अधिकारी हैं, जो संयुक्त रूप से किसी अपराधी के मामले में समन्वय स्थापित करके कार्रवाई करते हैं। जिले से आए प्रस्ताव पर समीक्षा के बाद संपत्ति जब्त करने का निर्णय लिया जाता है।

    पुलिस मुख्यालय न्यायालय को भेजती है सूची:

    जिले से मिले सूची को पुलिस मुख्यालय के स्तर पर समुचित समीक्षा की जाएगी, इसके बाद इस पर आगे की कार्रवाई के लिए इसे न्यायालय में प्रक्रिया पूरी करने के लिए भेजती है। न्यायालय द्वारा संबंधित माफिया को अपना पक्ष रखने एवं संपत्ति के बारे में पूरा ब्योरा देने का नोटिस दिया जाता है।

    नोटिस के 15 दिनों के अंदर जवाब देना होता है। न्यायालय मिले जवाब की समीक्षा के बाद आगे की कार्रवाई करती है।

    बीएनएसएस के तहत पुलिस को मिला अधिकार:

    भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 107 के तहत अपराध से अर्जित संपत्ति को जब्त करने का अधिकार पुलिस को दिया गया है।

    इस कानून के तहत अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी (आईओ) द्वारा संबंधित अपराधी की संपत्ति को जब्त करने का प्रस्ताव दिया जाता है। जिसकी संपत्ति जब्त की जानी है उसके संबंध में विस्तृत रिपोर्ट होती है।

    पुलिस को यह साबित करना होता है कि चल-अचल जो संपत्ति है, वह अपराध के जरिए अर्जित की गई है। कमाई का दूसरा कोई साधन उपलब्ध नहीं है।

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