नेपाल के वन क्षेत्र से बह कर आए हिरण की बचाने के दौरान मौत, जांच के बाद मिट्टी में दफनाया गया
वाल्मीकिनगर में गंडक नदी में बहते हुए एक हिरण को बचाने का वन विभाग का प्रयास विफल रहा। पानी के तेज बहाव में फंसने से हिरण की मौत हो गई। वन विभाग ने राफ्टिंग बोट की मदद से उसे बचाने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। जांच के बाद हिरण को दफना दिया गया। माना जा रहा है कि हिरण नेपाल से बहकर आया था।

संवाद सूत्र, वाल्मीकिनगर (पश्चिम चंपारण)। गंडक नदी में रविवार की सुबह एक हिरण (सांभर) को बहते हुए देखे जाने के बाद वन विभाग की टीम ने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन पानी के तेज भंवर में फंसने के कारण हिरण की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय निवासियों ने वन विभाग को सूचना दी।
सूचना पाकर वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र के वनपाल साधु दास और अन्य वन कर्मी मौके पर पहुंचे। रेंजर अमित कुमार ने बताया कि हिरण गंडक नदी के तेज बहाव में बहता हुआ दिखाई दिया था।
उसे बचाने के लिए वन विभाग की टीम ने राफ्टिंग बोट का सहारा लिया और काफी प्रयास के बाद दो घंटे की मशक्कत में उसे पूर्वी नहर के गेट की तरफ लाने में सफल रही। इसके लिए गंडक नदी का एक फाटक भी खुलवाया गया ताकि हिरण को किनारे की ओर लाया जा सके।
हालांकि जब तक वनकर्मी हिरण को पानी से बाहर निकाल पाते, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। मृत हिरण नर था, जिसे आवश्यक जांच के बाद मिट्टी में दफना दिया गया।
रेंजर ने बताया कि यह हिरण नेपाल के वन क्षेत्र से बहकर आया था। संभावना जताई जा रही है कि वह पानी पीने के लिए नदी किनारे आया होगा और पैर फिसलने से पानी के तेज बहाव में बह गया।
घटना से वन विभाग और स्थानीय लोगों में दुख की लहर है। वन कर्मियों ने भरपूर प्रयास किया, लेकिन तेज बहाव और भंवर के कारण हिरण को बचाया नहीं जा सका।
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