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    ठंड में खुद को जिंदा साबित करने को मजबूर बुजुर्ग, कागजों में मृत कर बंद कर दी गई पेंशन

    By Pradeep Kumar Dwivedi Edited By: Ajit kumar
    Updated: Wed, 31 Dec 2025 07:24 PM (IST)

    नौतन प्रखंड में सैकड़ों बुजुर्गों को सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित कर दिया गया है, जिससे उनकी पेंशन रुक गई है। विकास मित्रों पर लापरवाही का आरोप है कि ...और पढ़ें

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    दो माह से ऐसे सैकड़ों लाभार्थी प्रखंड कार्यालय का लगा रहे चक्कर। फोटो: जागरण

    संवाद सूत्र, नौतन (पश्चिम चंपारण)। Chief Minister Old Age Pension: कड़ाके की ठंड में जहां बुजुर्गों को सहारे की सबसे ज्यादा जरूरत है, वहीं नौतन प्रखंड में सैकड़ों वृद्ध अपनी पेंशन दोबारा शुरू कराने के लिए दफ्तर-दफ्तर भटकने को मजबूर हैं।

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    सरकारी कागजों में उन्हें जिंदा रहते हुए भी मृत घोषित कर दिया गया, जिससे मुख्यमंत्री वृद्धावस्था पेंशन स्वतः बंद हो गई। पेंशन पर निर्भर ये बुजुर्ग अब जीवन प्रमाण पत्र हाथ में लेकर कभी प्रखंड कार्यालय, कभी पंचायत कार्यालय तो कभी बैंक के चक्कर काट रहे हैं।

    लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो सका है। लाभार्थियों ने विकास मित्रों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। दरअसल, तीन माह पूर्व पेंशनधारियों के सत्यापन का आदेश जारी हुआ था। इस कार्य की जिम्मेदारी विकास मित्रों को दी गई।

    आरोप है कि बिना भौतिक सत्यापन के ही कई जिंदा लाभार्थियों को मृत दिखाकर सूची जमा कर दी गई, जिसके बाद उनकी पेंशन रोक दी गई। बुधवार को विभिन्न पंचायतों के करीब 100 से अधिक पेंशनधारी प्रखंड कार्यालय पहुंचे और बीडीओ को जिंदा होने का प्रमाण पत्र सौंपा।

    चनर निषाद, भोला साह, कसमुद्दीन मियां, अस्तुरन खातुन, दरोगा गिरी, कुर्बान मियां सहित कई लाभार्थियों ने बताया कि पूर्वी नौतन, पश्चिमी नौतन, बरदाहा, मंगलपुर सहित अन्य पंचायतों में विकास मित्रों की लापरवाही से उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है। पोर्टल पर अब भी उनका नाम मृत दिख रहा है, जिससे तीन माह से पेंशन नहीं मिली है।

    लाभार्थियों ने यह भी आरोप लगाया कि सर्वेक्षण के दौरान कुछ महिला विकास मित्रों के पति ही सर्वे करने पहुंचे, जबकि कई गांवों में कोई आया ही नहीं। घर बैठे सूची बनाकर कार्यालय में जमा कर दी गई।

    वहीं विकास मित्र संघ के प्रखंड अध्यक्ष धर्मेंद्र राम ने कहा कि भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी पंचायत सचिवों की थी, लेकिन यह कार्य जबरन विकास मित्रों पर थोप दिया गया। जल्दबाजी में सूची बनी, जिसमें त्रुटियां हुई हैं।

    प्रथम दृष्टया मामले में विकास मित्रों की लापरवाही सामने आई है। पेंशन से वंचित लोगों का पंचायत सचिवों से भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। शीघ्र ही पेंशन चालू कर दी जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।

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     शैलेन्द्र कुमार सिंह, बीडीओ, नौतन