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    बगहा में निवेश के नाम पर आठ करोड़ की साइबर ठगी, पटना–गाजियाबाद से दो गिरफ्तार

    By Tufani Chaudhary Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sun, 28 Dec 2025 03:04 PM (IST)

    बगहा पुलिस ने शेयर बाजार में निवेश के नाम पर 8 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पटना और गाजियाबाद से दो जालसाजों, वसीम अकबर ...और पढ़ें

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    फर्जी कंपनी और दर्जनों खातों के जरिए उड़ाई गई लोगों की गाढ़ी कमाई। प्रतीकात्मक फोटो

    संवाद सहयोगी, जागरण, बगहा (पश्चिम चंपारण)। Bagaha Cyber Fraud Case: बगहा में शेयर बाजार में निवेश कर मोटा मुनाफा दिलाने का झांसा देकर आठ करोड़ रुपये की साइबर ठगी करने वाले संगठित गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है।

    मामले में पटना और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के बाद गिरोह के नेटवर्क की गहन जांच शुरू कर दी गई है।

    प्रभारी एसपी निर्मला कुमारी ने बताया कि बगहा बाजार के कपड़ा व्यवसायी मनोज ड्रोलिया ने 21 नवंबर को साइबर थाना में आवेदन देकर ठगी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

    शिकायत में बताया गया था कि शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर फर्जी कंपनी के माध्यम से उनके विभिन्न बैंक खातों से करीब आठ करोड़ रुपये की निकासी कर ली गई।

    फर्जी कंपनी बनाकर दिया निवेश का झांसा

    जांच में सामने आया कि आरोपी वसीम अकबर उर्फ सैद समरुद्दीन, पिता सईद समरू, निवासी नवाब बहादुर रोड, थाना खगौल, जिला पटना ने डब्ल्यू.एस. इन्यूवेटेक्स प्राइवेट लिमिटेड नामक फर्जी कंपनी बनाकर व्यवसायी को शेयर बाजार में निवेश कराने का झांसा दिया। शुरुआत में मुनाफे का भरोसा देकर अलग-अलग खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर कराई गई।

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    जब पीड़ित ने निवेश की गई राशि निकालने की मांग की तो आरोपी टालमटोल करने लगे। इसके बाद व्यवसायी ने साइबर थाना बगहा में शिकायत दर्ज कराई।

    लेयरिंग के जरिए रकम छिपाने की साजिश

    पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि ठगी की रकम को सीधे किसी एक खाते में न रखकर लेयरिंग सिस्टम के तहत कई खातों में घुमाया गया। इससे पैसों की असली ट्रेल टूट जाए और जांच एजेंसियों को भ्रमित किया जा सके। अलग-अलग खातों के माध्यम से रकम को आगे ट्रांसफर कर निकासी की गई।

    कागजों पर वैध, हकीकत में फर्जी कंपनी

    जांच के दौरान W.S Innuvatax Pvt Ltd नाम की कंपनी सामने आई, जो कागजों पर तो वैध दिखती थी, लेकिन वास्तव में इसका कोई वास्तविक व्यावसायिक संचालन नहीं था। इसी कंपनी के नाम पर बैंक खाते खोलकर ठगी की रकम का लेन-देन किया गया। पुलिस का कहना है कि कंपनी केवल साइबर ठगी के उद्देश्य से बनाई गई थी।

    पटना और गाजियाबाद से गिरफ्तारी

    पुलिस ने 3 दिसंबर को पटना के खगौल थाना क्षेत्र के नवाब बहादुर रोड निवासी वसीम अकबर उर्फ सैद समरुद्दीन को गिरफ्तार किया। पूछताछ में मिले अहम सुरागों के आधार पर आगे की कार्रवाई की गई। इसके बाद 8 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित न्यू गंगा विहार, सेक्टर-5, थाना खोड़ा निवासी शिवम चौहान को गिरफ्तार किया गया। ट्रांजिट रिमांड पर लाकर 11 दिसंबर को उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

    गिरोह में और लोगों की तलाश


    पुलिस के अनुसार यह गिरोह केवल दो आरोपियों तक सीमित नहीं है। इसमें कई डमी खाताधारक, हैंडलर और तकनीकी सहयोगी शामिल हो सकते हैं। बैंक खातों, डिजिटल ट्रांजेक्शन और मोबाइल डाटा की जांच की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस साइबर गिरोह से जुड़े और नाम सामने आ सकते हैं।