जागरण संवाददाता, बेतिया।
Bihar News राज्य सरकार ने छात्र-छात्राओं को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का शुभारंभ किया।
इसके तहत चार लाख का ऋण आसान आसान शर्तो पर दिया जाता है। ताकि उनकी पढ़ाई जारी रखने में कोई परेशानी नहीं हो, बावजूद इसके लिए कई छात्र इसका लाभ लेने के बाद भी निर्धारित समय बीत जाने के बाद ऋण की वापसी नहीं की है।
इस येाजना के प्रावधान के मुताबिक ऋण दिलाने में सरकार ही जिम्मेवारी लेती है। इधर ऋण वापसी नहीं करने पर बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम की ओर से जिले के 139 संबंधित पर नीलाम पत्र वाद दायर किया है।
निगम के सहायक प्रबंधक प्रमोद कुमार ने बताया कि जिन लोगों पर नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है, उनमें जिम्मे एक करोड् 46 लाख 24 हजार 894 रुपये बकाया है।
छात्र से एक व छात्रा से चार प्रतिशत लिया जाता है ब्याज
उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विभाग की यह अच्छी योजना है। इसमें पढ़ाई पूरी करने के बाद आसान किश्तों पर ऋण की आदायगी करनी होती है। इस पर ब्याज भी पढ़ाई के बाद भी लिया जाता है। इसमें छात्र के लिए एक प्रतिशत एवं छात्रा से चार प्रतिशत ब्याज की वसूली की जाती है।
प्रत्येक छह माह पर देना होता है शपथ पत्र
निगम के सहायक प्रबंधक के अनुसार पढ़ाई पूरी करने के बाद सभी छात्रों को प्रत्येक छह माह पर एक शपथ पत्र देना होता है। इसमें इस बात का उल्लेख करना होता है कि वे ऋण का चुकता कैसे करेंगे।
नीलाम पत्र दायर करने से पहले पटना से चार बार भेजी जाती है नोटिस
नीलाम पत्र दायर करने से पहले पटना से चार बार नोटिस भेजकर संबंधित को निर्धारित किश्त के मुताबिक ऋण जमा करने को कहा जाता है। बावजूद इसके यदि ऋण का किश्त जमा नहीं किया जाता है, तो निगम की ओर से नीलाम पत्र वाद दायर किया जाता है। नीलाम पत्र वाद आवेदक एवं सह आवेदक दोनों पर किया जाता है।
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