पश्चिम चंपारण जंगल से निकले बाघ ने भंगहा में गन्ने के खेत में नीलगाय को मार डाला
पश्चिम चंपारण के भंगहा गांव में वाल्मीकि ब्याघ्र परियोजना से निकले एक बाघ ने गन्ने के खेत में नीलगाय का शिकार किया। किसानों ने खेत में नीलगाय का शव और ...और पढ़ें

इसमें प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
जागरण संवाददाता, बेतिया। वाल्मीकि ब्याघ्र परियोजना के जंगल से निकले बाघ में भंगहा गांव के सरेह में गन्ने के खेत में नीलगाय को मार दिया है। गन्ने की छिलाई करने गए किसान एवं मजदूरों ने खेत में नीलगाय का शव देखा।
बाघ का पगमार्क देख गन्ने की छिलाई करने से मजदूरों ने इन्कार कर दिया और भाग कर गांव में आ गए। लोगों में दहशत है।
ग्रामीण कन्हैया यादव, गंगा यादव,रामचंद्र राय ,बलराम सिंह, कैलाश महतो, बिरजू मांझी, मुन्ना सिंह, जितेन्द्र यादव, मुन्ना यादव, रंजीत सिंह, जमाल मियां आदि ने बताया कि मंगलवार के सुबह खेत की ओर जाने के दौरान गन्ने के खेत में नीलगाय का क्षत-विक्षत शव देखा गया।
जिसके आसपास बाघ के ताजे पदचिह्न भी मिले हैं। ग्रामीणों ने नीलगाय के शिकार की सूचना वन विभाग को दी।सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम पहुंची है।
वन कर्मयों की टीम पगमार्क की जांच कर बाघ की गतिविधि की ट्रैकिंग कर रहे हैं। मामले में मंगुराहा वन क्षेत्र के रेंजर सुनील पाठक ने बताया कि ग्रामीणों ने नीलगाय का शिकार किए जाने की सूचना दी है। बाघ के पगमार्ग के पगमार्क की ट्रैकिंग हो रही है ।
सुरक्षित तरीके से बाघ को जंगल की ओर भेजने का प्रयास किया जा रहा है। एहतियात के तौर पर ग्रामीणों को खेतों में अकेले न जाने, बच्चों और मवेशियों पर विशेष निगरानी रखने की अपील की गई है।

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