Deepak Prakash: बिना चुनाव लड़े मंत्री बने उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश, इंजीनियरिंग छोड़ राजनीति में एंट्री
उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश, जो रालोमो कोटे से मंत्री बने हैं, मूल रूप से महनार के रहने वाले हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। दीपक ने 2019-20 में राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई और अपने पिता के राजनीतिक कार्यों में सहयोग किया। उनके परिवार की राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में मजबूत पकड़ है। उनकी माता स्नेहलता कुशवाहा सासाराम से विधायक हैं।

उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश
जागरण संवाददाता, हाजीपुर। राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) सुप्रीमो एवं पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और सासाराम की नवनिर्वाचित विधायक स्नेहलता के पुत्र, लगभग 37 वर्षीय दीपक प्रकाश को रालोमो कोटे से मंत्री मंडल में स्थान मिला है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने वाले दीपक मूलरूप से महनार प्रखंड की नारायणपुर डेढ़पुरा पंचायत के जावज गांव के निवासी हैं।
दीपक प्रकाश का जन्म 22 अक्टूबर 1989 को हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा पटना में हुई, जहां उन्होंने वर्ष 2005 में आइसीएसई बोर्ड से 10वीं और वर्ष 2007 में सीबीएसई बोर्ड से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की।
इसके बाद उन्होंने एमआRटी, मणिपाल से कंप्यूटर साइंस में बीटेक (2011) पूरा किया। तकनीकी क्षेत्र से आने वाले दीपक ने वर्ष 2011 से 2013 तक साफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्य किया। बाद में वे स्वयं के व्यवसाय से जुड़ गए।
2019-20 में राजनीति में एंट्री
राजनीति में इनकी सक्रिय भूमिका वर्ष 2019-20 के आसपास शुरू हुई, जब उन्होंने अपने पिता उपेंद्र कुशवाहा के संगठनात्मक और राजनीतिक कामों में हिस्सा लेना शुरू किया। पार्टी की नीतियों, युवाओं के मुद्दों और सामाजिक न्याय की सोच के साथ वे जल्द ही राजनीतिक दायरे में सक्रिय हो गए।
परिवार की राजनीतिक पकड़ मजबूत
दीपक एक ऐसे परिवार से आते हैं, जिसकी राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में मजबूत पकड़ रही है। उनके दादा स्वर्गीय मुनेश्वर सिंह प्रसिद्ध समाजसेवी और कारोबारी थे। जंदाहा के अरनिया स्थित समता कॉलेज की स्थापना में उनका अहम योगदान रहा, जिसके सम्मान में इस महाविद्यालय का नामकरण मुनेश्वर सिंह मुनेश्वरी समता महाविद्यालय किया गया।
दीपक की दादी का नाम मुनेश्वरी देवी है। दीपक के पिता उपेंद्र कुशवाहा एक कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ समता कॉलेज, जंदाहा में प्रोफेसर भी रहे। वे पिछले वर्ष ही सेवानिवृत्त हुए। उनका राजनीतिक सफर समता पार्टी से शुरू हुआ, जहां से वे वर्ष 2000 में जंदाहा विधानसभा (परिसीमन के बाद अब विलोपित) से विधायक निर्वाचित हुए।
भारत सरकार में मंत्री रहे उपेंद्र कुशवाहा
वर्ष 2000 से 2005 तक वे बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे। इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा ने राज्यसभा सांसद, विधान पार्षद के रूप में अपनी भूमिका निभाई और वर्ष 2014 में काराकाट लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित होकर केंद्र सरकार में मानव संसाधन राज्य मंत्री भी बने। वर्तमान में वे राज्यसभा सांसद हैं।
दूसरी ओर, दीपक की मां स्नेहलता कुशवाहा इस बार के विधानसभा चुनाव में सासाराम विधानसभा क्षेत्र से विधायिका बनी हैं। ऐसे सशक्त राजनीतिक और सामाजिक परिवेश से आने वाले दीपक प्रकाश की मंत्री पद पर नियुक्ति को लेकर क्षेत्र में उत्साह और चर्चा दोनों है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।