Bihar News: कोऑपरेटिव बैंक के CO ने इस तरह दिया घोटाले का अंजाम, पढ़िए आलोक मेहता के घर हुई ED रेड की इनसाइड स्टोरी
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिहार के पूर्व मंत्री और राजद नेता आलोक मेहता के कई ठिकानों पर शुक्रवार को छापामारी की है। वैशाली शहरी विकास कोऑपरेटिव बैंक से 383 ऋण खातों के माध्यम से 83.50 करोड़ के गबन के मामले में यह कार्रवाई की गई है। आलोक मेहता इस बैंक के चेयरमैन और प्रमोटर रह चुके हैं। इसी वजह से उनके आवास सहित कई ठिकानों पर छापामारी हुई।

जागरण टीम, हाजीपुर। वैशाली जिले के मिर्जानगर के मूल निवासी राज्य के पूर्व मंत्री व राजद के वरिष्ठ नेता आलोक मेहता के महुआ व हाजीपुर सहित कई ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम के शुक्रवार को छापामारी के कारण चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
बताया गया कि द वैशाली शहरी विकास कोऑपरेटिव बैंक से 383 ऋण खातों के माध्यम से 83.50 करोड़ का गबन किया गया है।
बैंक के चेयरमैन रह चुके हैं आलोक मेहता
- आलोक मेहता इस बैंक के चेयरमैन व प्रोमोटर रह चुके हैं, इस कारण जांच की आंच उन तक पहुंच गई। ईडी के अफसरों ने लगभग आठ घंटे तक हाजीपुर के यादव चौक स्थित बैंक के कर्मियों से पूछताछ की।
- इसके बाद टीम अपने साथ कुछ दस्तावेज ले गई। हालांकि, ईडी की ओर से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। टीम महुआ स्थित कोल्ड स्टोरेज भी गई, वहां भी कागजात खंगाले।
बैंक के महाप्रबंधक ने कराई थी प्राथमिकी
पूर्व में कोऑपरेटिव बैंक घोटाले के मामले में नगर थाने में दो प्राथमिकी हो चुकी है। बैंक के महाप्रबंधक लेखा सह सूचना प्रौद्योगिकी के पद पर कार्यरत शहबाज आलम ने यह प्राथमिकी कराई थी।
इसमें बैंक के निलंबित मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी और उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के वसतौरा निवासी विपिन तिवारी, निलंबित अध्यक्ष वैशाली जिले के औद्योगिक थाना क्षेत्र के चक धनौती निवासी संजीव कुमार को आरोपित बनाया गया था।
निलंबित प्रबंधक पटना जिले के बाग कालू खान सदर गली निवासी सैयद शहनाज वजी, औद्योगिक क्षेत्र हाजीपुर के लिच्छवी फूड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शीत भंडारण के प्रबंधक वीरेंद्र कुमार, महुआ मुकुंदपुर स्थित महुआ को-आपरेटिव कोल्ड स्टोरेज लिमिटेड के प्रबंधक राजीव नयन सिंह समेत 11 लोगों को का नाम आरोपित में शामिल है।
नगर थाना में दर्ज प्राथमिकी में इन आरोपितों के विरुद्ध 383 ऋण खातों से कुल 79.02 करोड़ तथा 4.48 करोड़ रुपये नकदी का गबन प्रतिभूति, जाली शीत भंडारण रसीद, जाली जीवन बीमा पॉलिसी आदि को आधार बनाकर आरोपित किया गया है।
बैंक के निलंबित सीइओ के खाते में जमा हुए थे गबन के रुपये
बैंक के महाप्रबंधक लेखा द्वारा पुलिस को बताया गया था कि रिजर्व बैंक की एक अंकेक्षण रिपोर्ट से यह ज्ञात हुआ है कि बैंक के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी विपिन तिवारी के व्यक्तिगत खाते में दिसंबर 2021 से दिसंबर 2022 के बीच लगभग 29 करोड़ रुपये लेन-देन हुआ है।
महत्वपूर्ण तथ्य है कि विपिन तिवारी के खाते में 2.53 करोड़ मेहरा ट्रेवल, नितिन मेहरा एवं 74 लाख एन डायमेंशन के खातों से जमा कराई गई।
इससे पहले द वैशाली शहरी विकास कोऑपरेटिव बैंक लि. के विभिन्न खातों से आरटीजीएस और निफ्ट के माध्यम से मेहरा ट्रेवल्स एवं एन डायमेसन के खातों में क्रमश: 7.12 करोड़ तथा 2.27 करोड़ अंतरित किए गए।
इसके अतिरिक्त विपिन तिवारी के आइसीआइसीआइ बैंक खातों में भी अप्रैल 2020 से दिसंबर 2022 के दौरान 6.67 करोड़ का लेन-देन पाया गया है, इसमें भी मेहरा ट्रेवल, नितिन मेहरा एवं एन डायमेंशन के खातों से लेन देन है।
पूरे भारत में जो गड़बड़ी करेगा वह नपेगा
मंत्री आलोक मेहता के कई ठिकानों पर ईडी की छापेमारी के सवाल पर बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री केदार गुप्ता ने कहा कि बिहार ही नहीं पूरे भारत में जो गड़बड़ी करेगा वह नपेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, न खाएंगे और न खाने देंगे।
देश को लूटने वालों को कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह देश के प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री भी कहते हैं। जो गड़बड़ी करेगा, वह जाएगा।
न हम किसी को बचाते हैं और न ही फंसाते हैं। पंचायती राज मंत्री सराय में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।
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