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    Cyber Crime: सावधान! विदेश में हैं रिश्तेदार तो हो सकते हैं ठगी..., अब इस नए तरीके से अपराधी बना रहे शिकार

    Updated: Sat, 11 Jan 2025 09:29 AM (IST)

    साइबर अपराधियों ने ठगी का नया तरीका खोज निकाला है इसमें ठग उन लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं जिनके रिश्तेदार विदेश में रहते हैं। सबसे पहले उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए उनसे संपर्क करते हैं। फिर पैसे भेजने के बहाने खाते की जानकारी लेते हैं। इसके बाद वीजा और पासपोर्ट ब्लाक होने के नाम ठगी करते हैं।

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    साइबर अपराधियों ने खोजा ठगी का नया तरीका

    जागरण संवाददाता, पटना। शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे का झांसा, डिजिटल अरेस्ट और फर्जी पुलिसकर्मी बनकर ठगी करने वाले साइबर अपराधी अब ऐसे लोगों को जाल में फंसा रहे हैं, जिनके परिचित विदेश में हैं। ठग उनके फेसबुक अकाउंट को सर्च कर फर्जी अकाउंट बनाकर उनके करीबी से मैसेंजर के जरिए संपर्क कर रहे।

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    पैसा भेजने के नाम पर बैंक खाता मांग रहे, फिर बैंक की फर्जी रसीद भेजकर ठगी का खेल शुरू हो रहा है। इस तरह की ठगी का केस साइबर थाने में दर्ज हुआ है, जिसमें पीड़ित से 70 हजार रुपये की ठगी कर ली गई है।

    कैसे ठगों के जाल में फंसता गया युवक?

    घटना दो जनवरी की है। युवक के पास मैसेंजर पर उसके चाचा की आइडी से मैसेज आया। वह चाचा समझकर ठगों से चैटिंग करने लगा। बातचीत के दौरान छह लाख रुपये भेजने के लिए बैंक खाता नंबर मांगा गया।

    मैसेंजर पर ही एक बैंक की रसीद भेजी गई, जिसमें 4.50 लाख लिखा था और बोला गया कि 24 घंटे में क्रेडिट हो जाएगा।

    कुछ देर बाद फिर मैसेंजर पर मैजेस किया गया कि मेरा वीजा और पासपोर्ट ब्लॉक हो गया है, जिसकी वजह से पैसे नहीं जा रहे।

    साथ ही एक मोबाइल नंबर दिया गया, जिस पर संपर्क कर पासपोर्ट बनवाने वाले एजेंट से बात कर उसे अनब्लॉक कराने के लिए बोला।

    उस नंबर पर संपर्क करने पर 70 हजार रुपये की मांग की गई। बोला कि तुम्हारे चाचा पर बकाया है। एजेंट ने उनके वाट्सएप पर स्कैनर भेजा। पीड़ित ने 70 हजार रुपये भेज दिया।

    इसके तुरंत बाद 1.20 लाख ओमान सरकार का बकाया कहकर भेजने की बात की, जिस पर पीड़ित को संदेह हुआ।

    फिर उसने अपने चाचा से संपर्क किया। पता चला कि उन पर किसी तरह का बकाया नहीं है। उनका फेसबुक पेज हैक है। तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ और साइबर थाने में केस किया।

    मुनाफे का झांसा देकर जालसाजी

    • फुलवारीशरीफ निवासी सतीश कुमार के मोबाइल में अपलोड टेलीग्राम एप पर लिंक भेजा गया। फिर उन्हें रुपये निवेश कर मुनाफा कमाने का झांसा देते हुए वाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया। उनसे 24 हजार रुपये की ठगी कर ली गई।
    • कदमकुआं निवासी रोहित कुमार के क्रेडिट कार्ड से 19 हजार की निकासी कर ली गई।
    • इसी तरह गर्दनीबाद निवासी आनंद कुमार को टेलीग्राम पर मैसेज कर रुपये निवेश कर मुनाफा कमाने का झांसा देकर उनसे 2.83 लाख की ठगी कर ली गई।

    मशीन में कार्ड फंसाकर ठगों ने खरीद लिए गहने

    • परसा निवासी युवक बुद्ध मार्ग स्थित एटीएम में रुपये निकासी करने पहुंचे। 10 हजार की निकासी के बाद कार्ड मशीन में फंस गया। उसी समय एक युवक आया और बोला कि आप पास के एटीएम बूथ पर जाएं।
    • वहां मौजूद गार्ड से बात करिए, वह डेबिट कार्ड मशीन से निकाल देगा। जैसे ही वह बूथ से बाहर निकले उनका कार्ड ठगों ने निकाल लिया।
    • कुछ देर बाद उनके मोबाइल पर 30 हजार रुपये निकासी का मैसेज आया। कुछ उनके एटीएम कार्ड से 61 हजार रुपये की ज्वेलरी खरीद कर ली गई।
    • इसी तरह सिपारा स्थित एटीएम में कार्ड फंसाकर ठगों ने युवक के खाते से 6.66 लाख रुपये की ऑनलाइन शापिंग और ट्रांजेक्शन कर लिया।

    महंगा पड़ गया लोन एप से रकम लेना

    पटना में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र ने 31 दिसंबर को एक लोन एप की मदद से 27 सौ रुपये का ऋण लिया। उसी दिन उसके खाते में वह रकम आ गई।

    चार दिनों बाद उनके वाट्सएप पर एक अंजान नंबर से मैसेज और कॉल आया कि उन्हें अब 45 सौ रुपये जमा करना होगा। छात्र ने 45 सौ रुपये संबंधित लोन एप के खाते में भेज दिया।

    इसके बाद फिर उसके पास अलग-अलग नंबर से फोन आने लगा कि 45 सौ रुपये और जमा करो, नहीं तो आपके मोबाइल में जिनते लोगों का संपर्क नंबर है। उन सभी को आपकी तस्वीर को एडिट का भेजा जाएगा। इस संबंध में पीड़ित ने साइबर थाने में केस किया।

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