सुपौल के सरायगढ़ में भीषण आग ने उजाड़े 41 परिवार, लाखों का सामान जलकर राख; एक महिला अस्पताल में भर्ती
सरायगढ़, सुपौल के शाहपुर-पृथ्वीपट्टी में रविवार रात भीषण आग लगने से 41 परिवारों के घर जलकर राख हो गए। मवेशी घर से शुरू हुई आग ने विकराल रूप ले लिया, ज ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल)। सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड अंतर्गत शाहपुर-पृथ्वीपट्टी वार्ड संख्या-3 में रविवार की देर रात भीषण अगलगी की घटना ने पूरे इलाके को दहला कर रख दिया।
कड़ाके की शीतलहर के बीच जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे, तभी अचानक मवेशी घर से उठी आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।देखते ही देखते आग की लपटों ने आसपास के घरों को अपनी चपेट में ले लिया और कुल 41 परिवारों के घर पूरी तरह जलकर राख हो गए।
आग इतनी भयावह थी कि घरों में रखा अनाज, कपड़े, बर्तन, फर्नीचर, आवश्यक कागजात, जेवरात तथा नगद राशि सब कुछ जलकर नष्ट हो गया। पीड़ित परिवारों की हालत इतनी दयनीय हो गई कि उन्हें एक समय का भोजन भी नसीब नहीं हो पाया। शीतलहर के इस दौर में घर उजड़ जाने से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की परेशानी और भी बढ़ गई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग पर काबू पाने के लिए ग्रामीणों ने अपने स्तर से भरसक प्रयास किया, लेकिन तेज हवा और आग की तीव्रता के कारण कोई भी आग के नजदीक तक नहीं जा पा रहा था। बीच-बीच में घरेलू गैस सिलेंडर फटने की आवाज से पूरे इलाके में दहशत फैल गई।
लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए। इस दौरान एक दिल दहला देने वाली घटना भी सामने आई। अबरण खातून नामक महिला आग की लपटों के बीच अपने घर में फंस गई थीं।
उन्होंने बताया कि एक पल को उन्हें लगा कि अब वे जिंदा बाहर नहीं निकल पाएंगी, लेकिन हिम्मत जुटाकर किसी तरह आग के बीच से बाहर निकलने में सफल रहीं। हालांकि इस दौरान उनके बाल झुलस गए। कई अन्य लोग भी झुलस कर जख्मी हो गए, जिनका स्थानीय स्तर पर उपचार कराया गया।
घटना की सूचना मिलते ही प्रखंड प्रमुख विजय कुमार यादव, अंचलाधिकारी धीरज कुमार तथा स्थानीय मुखिया सतीश कुमार मौके पर पहुंचे। अंचल प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों को तत्काल राहत उपलब्ध कराई गई। सभी प्रभावित परिवारों के बीच चूड़ा, चना, चीनी, पालिथीन शीट वितरित की गई तथा नगद सहायता राशि भी दी गई।
अंचलाधिकारी ने बताया कि सरकार द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार सभी पीड़ित परिवारों को सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है और आगे भी आवश्यक मदद दी जाएगी। वहीं मुखिया सतीश कुमार ने निजी स्तर पर भी पीड़ितों की मदद करते हुए सूखा राशन वितरण कराया तथा तत्काल भोजन की व्यवस्था करवाई।
उन्होंने कहा कि इस आपदा की घड़ी में पंचायत पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। पीड़ितों में से कुछ परिवारों ने बताया कि उनकी बेटियों की शादी तय थी। किसी की शादी 15 जनवरी को होने वाली थी तो किसी की शादी की तिथि शीघ्र तय होने वाली थी।
शादी के लिए रखे गए जेवरात, कपड़े, बर्तन और नगद राशि सब कुछ आग में जल गया, जिसके कारण कम से कम तीन लड़कियों की शादी टल गई।
स्थानीय लोगों ने प्रखंड में अग्निशमन व्यवस्था के अभाव पर गहरी नाराजगी जताई। मो. शरीफुल्ला, मो. सईद, मो. यूसुफ, उमेश मेहता, मो. सज्जाद सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा कि यदि समय पर अग्निशमन वाहन पहुंच जाता तो नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता था।
उन्होंने सरकार से मांग की कि पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा देने के साथ-साथ कम से कम एक वर्ष का राशन उपलब्ध कराया जाए, ताकि वे दोबारा अपने जीवन को पटरी पर ला सकें। फिलहाल इस घटना से शाहपुर पृथ्वीपट्टी में मातम का माहौल है और पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे जीवन गुजारने को मजबूर हैं।
पीड़ित परिवारों में मो. कासिम, मो. इब्राहिम, मो. सलीम, बीवी मजतनी, मो. अब्दुल, मो. कलीम, मो. सबीर, मो. नियामत, मो. मस्तकीम, बीवी दरोगनी खातून, मो. नसरूल, सुभान, नूरजहां परवीन, निखत खातून, बीवी सलमा, मैरून खातून, बीवी हसीना आदि शामिल हैं।

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