New Railway Line: बिहार में यहां बिछ रही नई रेलवे लाइन, 12 नए स्टेशन भी बनेंगे; 95 KM लंबा है रूट
ललित नारायण मिश्र का सपना साकार हो रहा है। सुपौल-अररिया रेलखंड पर जल्द ही ट्रेन चलेगी। मालगाड़ी का परिचालन शुरू हो चुका है। सुपौल से पिपरा तक रेल पटरी बिछाने और पुल-पुलिया निर्माण का काम पूरा हो चुका है। 12 नए स्टेशन बनाए जा रहे हैं। रेल परिचालन शुरू होने से यातायात सुगम होगा और रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।

भरत कुमार झा, सुपौल। ललित बाबू एक ऐसा नाम जिन्हें किसी पहचान की जरूरत नहीं। अपने जीवनकाल में इनका राजनीतिक कद काफी ऊंचा रहा। वे केंद्रीय नेतृत्व के शीर्ष पर रहे, लेकिन रेलवे ने जो उन्हें ख्याति दी उससे वे संपूर्ण राष्ट्र में एक लोकप्रिय नेता के रूप में उभरे। संपूर्ण देश में रेलवे के विस्तार ने उनकी विकास की सोच को परिलक्षित किया।
कोसी के दुरूह इलाके में भी उन्होंने रेलवे के जाल बिछाने की परिकल्पना की। सहरसा से सुपौल तक आने वाली रेल को फारबिसगंज तक पहुंचाया।
भले ही उनके असमय मृत्यु के कारण उनकी परिकल्पना अधूरी रह गई लेकिन आज भी केंद्र की सरकार उनकी ही परिकल्पनाओं को मूर्त रूप देने में लगी है। भूतपूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र ने संपूर्ण देश में रेलवे के विस्तार का सपना देखा था।
अब एक बार फिर उनके गृह जिले में एक नए सुपौल-अररिया रेलखंड पर रेलगाड़ी चलने वाली है। कहना गलत नहीं होगा कि ललित सपना अब साकार हो रहा है। जल्द ही पिपरा तक रेलगाड़ी दौड़ेगी। मालगाड़ी का परिचालन शुरू है। पहली मालगाड़ी 13 फरवरी को भेजी गई थी। यह ब्लास्ट लेकर गई थी। मालगाड़ी के आने-जाने से स्थानीय लोग खुश नजर आ रहे हैं।
युद्धस्तर पर चल रहा कार्य
सुपौल-अररिया-गलगलिया नई रेल परियोजना के अधीन निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। सुपौल से पिपरा बाजार तक रेल पटरी बिछाने से लेकर पुल-पुलिया निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है।
सांसद दिलेश्वर कामैत ने भी प्रबल संभावना जताई थी कि 31 मार्च 2025 से पहले सुपौल से पिपरा तक रेल का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। मालगाड़ी तो दौड़ने लगी है, बस सवारी गाड़ी का इंतजार है। समय पर पुल निर्माण हो जाता है तो त्रिवेणीगंज तक भी रेल का परिचालन में अब देर नहीं लगेगी।
सुपौल अररिया रेललाइन पर 12 नए स्टेशन
95 किमी के इस नए रेलखंड पर 14 रेलवे स्टेशन निर्धारित किए गए हैं। सुपौल और अररिया कोर्ट को छोड़कर 12 नए स्टेशन बनाए जा रहे हैं। जिनमें सुपौल के बाद थुमहा, पिपरा, त्रिवेणीगंज, लक्ष्मीपुर, जदिया, बघैली, खजुरी बाजार, मनुल्लाहपट्टी, भरगामा, रानीगंज, बसैटी, मिर्जापुर का नाम शामिल है।
सुगम होगा यातायात
कटैया के अमरेश कुमार, गिदराही के भूपेंद्र मंडल, देवेंद्र कुमार, पन्नीलाल यादव, अरुण यादव आदि बताते हैं कि जब पहली बार इस रेलखंड पर मालगाड़ी को जाते देखा तो आत्मा तृप्त हो गई। अब यह लगने लगा है कि अपने घर के नजदीकी स्टेशन पर रेलगाड़ी में सवार होकर देश के किसी भी हिस्से में जा सकते हैं। रेल परिचालन शुरू होने से एक तरफ जहां यातायात सुगम होगा वहीं रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।
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