Kosi River Bihar: कोसी में उतरा लाल पानी, 118 जगहों पर चल रहा बाढ़ निरोधक कार्य; प्रशासन अलर्ट
कोसी नदी में लाल पानी उतरने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। वर्ष 2025 के लिए 118 बाढ़ नियंत्रण योजनाओं पर काम चल रहा है। पिछले साल नदी में 6.61 लाख क्यूसेक पानी का बहाव दर्ज किया गया था जिससे कई तटबंध क्षतिग्रस्त हो गए थे। चीफ इंजीनियर के अनुसार 90 बाढ़ निरोधक कार्य पूरे हो चुके हैं और सिकरहट्टा-मझारी बांध पर भी काम चल रहा है।

मिथिलेश कुमार झा, वीरपुर (सुपौल)। कोसी नदी में लाल पानी उतर गया है। लाल पानी से सीधा तात्पर्य है कि नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र में मूसलाधार बारिश हुई होगी तब कोसी नदी में लाल पानी उतरता है। कोसी नदी अपने उद्गम स्थल से विभिन्न पहाड़ियों के रास्ते बराह क्षेत्र के समीप मैदानी भाग में प्रवेश करती है।
कोसी में जब लाल पानी आता है तो नदी के जलस्तर में होने वाली बढ़ोतरी के कयास लगाए जाते हैं। जलस्तर में होने वाली बढ़ोतरी से बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है। फिलहाल कोसी में 118 जगहों पर बाढ़ निरोधक कार्य चल रहा है।
कोसी नदी में संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए वर्ष 2025 के लिए 118 बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक योजनाओं को उच्चस्तरीय समिति (हाई लेवल कमेटी) से स्वीकृति प्राप्त हुई है। इन योजनाओं पर युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।
2024 में क्या थे हालात?
मालूम हो कि 2024 में कोसी नदी में अधिकतम 6.61 लाख क्यूसेक पानी का बहाव दर्ज किया गया था। जिससे नदी की तेज धारा ने कई स्थानों पर तटबंधों और स्परों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। इन्हीं अनुभवों को ध्यान में रखते हुए विभाग ने कोसी बराज और दोनों तटबंधों का भौतिक निरीक्षण किया। जिसके उपरांत 118 योजनाओं को स्वीकृति दी गई। इनमें से 106 योजनाएं तटबंधों और स्परों के सुदृढीकरण से संबंधित हैं। जबकि 12 योजनाओं को विलेज प्रोटेक्शन वर्क की श्रेणी में रखा गया है।
जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर (बाढ़ नियंत्रण एवं जल निःसरण) वरुण कुमार ने बताया 118 बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक काम में 90 काम पूर्ण हो चुका है। वहीं 17 काम दो तीन में पूरा हो जाएगा। शेष 11 काम 30 मई तक पूरा कर लिया जाएगा।
वहीं, सिकरहट्टा-मझारी बांध पर विश्व बैंक संपोषित 288 करोड़ रुपये की लागत से कार्य किया जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य कोसी नदी के तटबंधों को मजबूत करना और आसपास के इलाकों को बाढ़ के खतरे से बचाना है। यहां 82 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है।
चीफ इंजीनियर ने बताया कि कोसी बराज के सभी गेटों के संचालन प्रणाली का अपडेशन किया गया है। बीते वर्ष बाढ़ के बाद विभागीय टीम ने कोसी बराज का निरीक्षण कर विस्तृत जांच की थी। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर सभी आवश्यक सुधार कार्य किए जा रहे हैं।
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