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    Supaul: पुलिस की सख्तियों का 'बैराज' भी नहीं रोक पा रहा 'लाल पानी' का सैलाब, अवैध शराब के सेफ जोन बने ये इलाके

    By Bharat Kumar JhaEdited By: Ashish Pandey
    Updated: Fri, 24 Feb 2023 05:43 PM (IST)

    Liquor Smuggling in Border Areas of Supaul पुलिस की सख्तियां भी सुपौल के राघोपुर में अवैध शराब तस्करी नहीं रोक पा रही हैं। इस धंधे में नाबालिगों एवं महिलाओं का पकड़ा जाना इस बात की तस्दीक करता है कि इस काम में हर आयु वर्ग के लोग शामिल हैं।

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    नेपाल का सीमावर्ती इलाका होने के कारण शराब कारोबारियों के लिए सुपौल के कई थाना क्षेत्र सेफ जोन बने हैं।

    संवाद सूत्र, राघोपुर (सुपौल): पुलिस की सख्तियों का 'बैराज' भी सुपौल जिले के राघोपुर प्रखंड क्षेत्र में 'लाल पानी' के सैलाब को नहीं रोक पा रहा है। शराब के धंधेबाजों की लगातार गिरफ्तारियां की जा रही हैं। इस धंधे में नाबालिगों एवं महिलाओं का पकड़ा जाना इस बात की तस्दीक करता है कि कम समय में धनवान बनने के इस कारोबार में हर आयु वर्ग के लोग शामिल हैं। शराब के धंधे में जो जेल का सफर कर आते हैं, वे भी इस नरक से तौबा करने की बजाय पुन: 'लाल पानी' के इस बहते दरिया में हाथ धोने लगते हैं।

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    कई थाना क्षेत्र सेफ जोन, एक कॉल पर उपलब्ध है शराब

    नेपाल का सीमावर्ती इलाका होने के कारण शराब कारोबारियों के लिए जिले के कई थाना क्षेत्र सेफ जोन बने हुए हैं। वीरपुर, बलुआ, भीमनगर, राघोपुर, करजाईन, भपटियाही सहित अन्य कई थाना क्षेत्र शराब के काले धंधे के लिए महफूज आशियाना साबित हो रहे हैं।

    राघोपुर थाना क्षेत्र में शराब का धंधा खूब फल-फूल रहा है। यहां बाकायदा शराब की होम डिलीवरी हो रही है। सूत्र बताते हैं कि पहले तो शराब खरीदने के लिए दुकान तक जाना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। मोबाइल पर बस एक कॉल करिए और शराब आपके घर पर उपलब्ध होगी।

    नेपाल, हरियाणा और बंगाल से आ रही शराब

    एक साल में पकड़ी गई शराब की खेप पर गौर करें तो देसी शराब जहां नेपाल से लाकर जिले में खपाई जा रही है, वहीं विदेशी शराब की बड़ी-बड़ी खेप हरियाणा, बंगाल आदि अन्य राज्यों से लाई जा रही है। हरियाणा में शराब पर उत्पाद शुल्क कम रहने के कारण शराब कारोबारी वहां से शराब लाकर यहां खपाते हैं।

    नेपाल की खुली सीमा भी शराब के सौदागरों के लिए इस काम में मददगार साबित हो रही है। एसएसबी की पैनी नजर से बचते हुए ये तस्कर सीमा से सटे क्षेत्रों में शराब की खेप पहुंचा देते हैं। हालांकि एसएसबी ने भी इस मामले में कई बार बड़ी कार्रवाई की है।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि शराबबंदी होने के बाद स्कूल-कॉलेज के बच्चों से लेकर महिलाएं तक शराब की होम डिलीवरी का काम कर रही हैं। यह सिर्फ लोगों का ही कहना नहीं है, बल्कि पुलिस के आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं।

    कार्रवाई के आंकडे़

    • कार्रवाई की अवधि - जनवरी से दिसंबर 2022
    • जब्त कुल देसी व विदेशी शराब - 10559.7 लीटर
    • विदेशी शराब - 6519 लीटर
    • देसी शराब - 4040.7 लीटर
    • गिरफ्तार कारोबारी - 250 से अधिक
    • कारोबारी महिलाएं - 03
    • पकड़े गए नाबालिग - 01
    • अवैध कारोबार में दोबारा पकड़े गए - 33
    • दो से अधिक बार पकड़े गए - 23
    • शराब पीकर जेल जानेवालों की संख्या - 27
    • शराब मामले में जब्त मोटर साइकिल - 33
    • जब्त चार पहिया वाहन - 10
    • जब्त ट्रक - 01