Bihar Teacher News: नशे में धुत होकर स्कूल पहुंचा शिक्षक, अपशब्दों का भी किया इस्तेमाल; अब होगी कार्रवाई
बिहार के सुपौल से बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां एक शिक्षक शराब के नशे में स्कूल पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया। इस घटना के फोटो और वीडियो भी सामने आए हैं जो विभाग को भेज दिए गए हैं। इसके साथ ही शिक्षक पर सुसंगत धाराओं के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की भी मांग की गई है।
जागरण टीम, सुपौल। शिक्षा विभाग से जुड़ा एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह घटना जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत तेलवा पंचायत के मध्य विद्यालय सितुहर में पदस्थापित शिक्षक सुधांशु शेखर पाठक से संबंधित है। उनके खिलाफ विद्यालय कार्यकाल में अनुचित आचरण करने के आरोप में अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
वीडियो और फोटो भी मिले
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) द्वारा जारी पत्र में बताया गया कि वाट्सएप पर प्राप्त एक वीडियो और फोटो में सुधांशु शेखर पाठक विद्यालय परिसर के बाहर नशे की हालत में दिखाई दिए।
वीडियो में वह अनुचित भाषा का प्रयोग करते हुए नजर आए। यह न केवल आदर्श शिक्षक आचरण के खिलाफ है, बल्कि बिहार सरकार के मध निषेध कानून का उल्लंघन भी है।
कार्रवाई की अनुशंसा
शिक्षक के अनुचित आचरण की पुष्टि के लिए वीडियो क्लिप और फोटो संबंधित पत्र के साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी सदर प्रखंड को भेजा गया है। इसमें शिक्षा सेवा शर्त एवं स्थानांतरण नियमावली 2020 की सुसंगत धाराओं के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी सह सदस्य सचिव, प्रखंड नियोजन इकाई, सदर प्रखंड से इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर प्रतिवेदन एक सप्ताह के अंदर सौंपने को कहा है।
शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार, विद्यालय अवधि में शिक्षक का परिसर से बाहर जाना, विशेष रूप से नशे की हालत में होना न केवल सेवा शर्तों का उल्लंघन है बल्कि छात्रों और समाज के प्रति शिक्षक की जिम्मेदारी के भी विपरीत है।
छात्र-अभिभावक-शिक्षक संगोष्ठी का आयोजन
शिक्षा विभाग की नई पहल पर विद्यालयों में महीने के एक शनिवार को छात्र, अभिभावक और शिक्षक संगोष्ठी आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। इसी कड़ी में सदर प्रखंड की गोठ बरुआरी पंचायत स्थित उत्क्रमित मुरली मनोहर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरैल में शनिवार को संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रधानाध्यापक दिवाकर सिंह ने कहा कि बच्चों का भविष्य अभिभावकों और शिक्षकों के सामूहिक प्रयासों से ही उज्ज्वल बन सकता है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजें और उनकी पढ़ाई-लिखाई में रुचि लें।
उन्होंने कहा यदि आप जागरूक रहेंगे, तो शिक्षक भी अपनी जिम्मेदारी बेहतर तरीके से निभाएंगे। बच्चों की उपस्थिति, पढ़ाई, और सफाई का ख्याल रखना अभिभावकों का भी कर्तव्य है।
प्रधानाध्यापक ने बताया कि प्रत्येक महीने बच्चों की उपस्थिति का रिकॉर्ड साझा किया जाएगा। जिन बच्चों की उपस्थिति बेहतर होगी, उनके अभिभावकों की सराहना की जाएगी। वहीं कम उपस्थिति वाले बच्चों के अभिभावकों से कारण पूछकर सुधार के लिए कदम उठाए जाएंगे।
अभिभावकों को सलाह दी गई कि वे बच्चों के होमवर्क और कॉपी चेक करें। साथ ही उन्हें जोर-जोर से पढ़ने की आदत डालें, जिससे उनकी हिंदी और अंग्रेजी में सुधार हो सके। गणित और विज्ञान जैसे विषयों में बच्चों की समझ बढ़ाने के लिए शिक्षक और अभिभावकों दोनों को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
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