Siwan Crime: कुख्यात रईस खान को क्यों अरेस्ट नहीं कर पा रही सिवान पुलिस, सिपाही हत्याकांड में है तलाश
Siwan Crime बिहार के सिवान में सिपाही हत्याकांड के तीन माह बीत जाने के बाद भी पुलिस कुख्यात रईस खान को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। रईस खान एमएलसी का चुनाव भी लड़ चुका है। पुलिस के रवैये पर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, सिवान। सिसवन थाना में पदस्थापित सिपाही बाल्मीकि यादव की हत्या के तीन महीने बीत जाने के बाद भी जिला पुलिस आरोपित रईस खान को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। लोगों को यह उम्मीद थी कि पुलिस जवान की हत्या मामले की जांच तेज होगी और घटना को अंजाम देने के मामले में सभी आरोपित सलाखों के पीछे होंगे। लेकिन, आम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के बजाए जिला पुलिस ने अपनी फजीहत करानी शुरू कर दी है।
ऐसे में अब जनता के बीच इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार तेज है कि जब पुलिस अपने कर्मियों को इंसाफ दिलाने में सुस्त है तो आम जनता का भला होने में देर स्वभाविक है। इस मामले में पुलिस की सुस्त जांच इसी से स्पष्ट होती है कि कांड में आरोपित और फिलहाल जेल में बंद कुख्यात मोहम्मद आफताब, अभय यादव एवं वीरेंद्र राम ने आत्मसमर्पण कर दिया, लेकिन कुख्यात रईस खान अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
गिरफ्तारी तो दूर कुर्की की कार्रवाई भी ठंडे बस्ते में पड़ी
सिसवन थाना कांड संख्या 221/22 सिपाही हत्याकांड के नामजद चार आरोपितों में फरार रईस खान के घर की कुर्की के लिए उसके घर पर इश्तेहार चस्पा दिया गया, लेकिन अबतक रईस के बारे में पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला और ना ही उसने रईस खान की गिरफ्तारी के लिए ही कोई प्रयास किया। ऐसे में कुर्की की भी कार्रवाई ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रईस खान जिले में ही छुपा है और यह बात पुलिस के अधिकारियों को बखूबी पता है, लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार करने से बच रही है।
गश्त के दौरान सिपाही की हुई थी हत्या
बता दें कि सात सितंबर को गश्त में निकली पुलिस पर बदमाशों ने फायरिंग कर दी थी। इस क्रम में गोली लगने से सिपाही बाल्मीकि यादव की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद जिले के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था। हत्या के बाद सारण डीआइजी पी कनन, एसपी शैलेश कुमार सिन्हा मामले की जांच के लिए ग्यासपुर पहुंचे थे, लेकिन सिपाही के परिवार को अभी तक न्याय नहीं मिल सकी। पुलिस अभी तक यह नहीं बता सकी कि हत्या एके 47 से हुई थी या पिस्टल से। स्थानीय लोगों की माने तो रईस खान की जिले के पुलिस महकमे में काफी अच्छी पकड़ है जिसका लाभ रईस को मिलता रहा है।