Bihar News: 200 वर्ष पुरानी है खैरवा का राम जानकी मंदिर, होती है सारी मनोकामना पूर्ण; दर्शन के लिए इस रास्ते से पहुंचे
Siwan Famous Temple सिवान के कौड़ियां पंचायत के खैरवा बाजार स्थित रामजानकी मंदिर करीब 200 वर्ष पुरानी है। इस मंदिर का निर्माण करीब दो वर्ष पूर्व ग्रामीणों द्वारा कराया गया था। यह मंदिर रामजानकी पथ से एक किलोमीटर की दूरी पर है। इस मंदिर में भगवान श्रीराम माता जानकी एवं लक्ष्मण जी की अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर लगभग तीन बीघा भूमि पर अवस्थित है।

संवाद सूत्र, भगवानपुर हाट (सिवान)। प्रखंड के कौड़ियां पंचायत के खैरवा बाजार स्थित रामजानकी मंदिर करीब 200 वर्ष पुरानी है। इस मंदिर का निर्माण करीब दो वर्ष पूर्व ग्रामीणों द्वारा कराया गया था। यह मंदिर रामजानकी पथ से एक किलोमीटर की दूरी पर है।
इस मंदिर में भगवान श्रीराम, माता जानकी एवं लक्ष्मण जी की अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर लगभग तीन बीघा भूमि पर अवस्थित है। इस परिसर में दर्जनों दुकान हैं जिनसे मिलने वाला भाड़ा के राशि से मंदिर की देखरेख पूजा पाठ एवं भोग लगाया जाता है।
यहां जाने के लिए मलमलिया से तीन किलोमीटर उत्तर, मशरख से आठ किलोमीटर पश्चिम स्थित है। यहां जाने के लिए बस व निजी सवारी उत्तम साधन है।
राम जानकी पथ से 80 फीट की दूरी पर है मंदिर
प्रखंड के आज्ञा गांव स्थित श्रीरामजानकी मंदिर करीब 125 वर्ष पुरानी है। इसमें भगवान श्रीराम माता जानकी एवं लक्ष्मण की मूर्ति स्थापित है। ये मूर्तियां संगमरमर की है। इसके 80 फीट की दूर उत्तर से रामजानकी पथ गुजरती है। स्थानीय अखिलानंद सिंह ने बताया कि इस मंदिर का निर्माण करीब 125 वर्ष पूर्व ग्रामीणों की मदद किया गया था।
यहां दूर-दराज से लोग मंदिर में पूजा करने पहुंचते हैं। यह मंंदिर एनएच 227 ए सिवान-बसंतपुर मुख्य पथ किनारे दक्षिण दिशा में स्थित है। यहां जाने के लिए बस व निजी सवारी उत्तम साधन है। वहीं दूसरी ओर बसंतपुर प्रखंड मुख्यालय से उत्तर कुछ दूरी पर स्थित रामजानकी मंदिर है।
इसमें भगवान श्रीराम, हनुमानजी, जानकी जी, शिवजी, पार्वती, गणेश जी, नंदजी की मूर्ति है। सभी संगमरमर की है। यहां जाने के लिए मलमलिया दो किलोमीटर पश्चिम, सिवान से 30 किलोमीटर पूरब एनएच 227 ए के किनारे है।
आस्था का केंद्र है गुठनी का प्राचीन श्रीराम जानकी मंदिर
प्रखंड मुख्यालय उत्तर मठिया स्थित श्रीराम जानकी मंदिर पुरातन व ऐतिहासिक होने के कारण आस्था का केंद्र बना हुआ है। यह मंदिर सैकड़ों वर्ष पूर्व की है। इसका निर्माण किसने कराया था इसकी सही जानकारी किसी को नहीं है, लेकिन लोगों कहना है कि इसका निर्माण किसी राजा द्वारा ही कराया गया था।
यह मंदिर पुरातन काल की है। इसमें भगवान श्रीराम, जानकी, लक्ष्मण एवं हनुमान की मूर्ति स्थापित है जो पत्थर की है। इस मंदिर की भूमि करीब दो बीघा है। इसमें करीब पांच कट्ठा भूमि में मंदिर है तथा इसके बगल में लोगों को ठहरने के लिए धर्मशाला का निर्माण कराया गया है।
मंदिर पहुंचने के लिए गुठनी-मेहरौना मार्ग स्थित तेनुआ मोड़ से करीब 800 मीटर दक्षिण व गुठनी चौराहे से एक किलोमीटर दक्षिण यह मंदिर स्थित है। यहां जाने के लिए वस, जीप व निजी सवारी उत्तम साधन है।
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