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    Bihar News: MBBS छात्रों को BPSC ने दिया बड़ा झटका, तीन बार हुए फेल तो... पढ़ लीजिए आयोग का नया फरमान

    By Jai Shankar Bihari Edited By: Sanjeev Kumar
    Updated: Fri, 19 Jan 2024 10:10 AM (IST)

    Bihar News बीपीएससी ने एमबीबीएस के छात्रों को बड़ा झटका दिया है। तीन से अधिक अवसरों पर परीक्षाओं में फेल होने पर संबंधित आवेदन के पात्र नहीं होंगे। बीपीएससी के अनुसार एमबीबीएस की परीक्षा में 70 प्रतिशत से अधिक अंक होने पर पांच मेधा अंक निर्धारित है। बीपीएससी के इस फैसले से एमबीबीएस के अधिकतर छात्र नाराज हो सकते हैं।

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    MBBS छात्रों को बीपीएससी ने दिया झटका (जागरण)

    जयशंकर बिहारी, पटना। MBBS Student: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) राज्य के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों के सुपरस्पेशलिटी विभागों में सहायक प्राध्यापक के 220 पदों पर नियुक्ति के लिए 28 जनवरी तक आनलाइन आवेदन स्वीकार कर रहा है।

    तीन से अधिक बार फेल हुए हैं तो नहीं मिलेगा मौका

    आयोग की अधिसूचना के अनुसार एमबीबीएस कोर्स में प्रत्येक अनुत्तीर्णता परीक्षा के लिए एक मेधा अंक कम कर दिया जाएगा। वहीं, तीन से अधिक अवसरों पर परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण होने पर संबंधित आवेदन के पात्र नहीं होंगे।

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    सचिव सह परीक्षा नियंत्रक रविभूषण ने बताया कि एमबीबीएस, एमडी, एमएस, पीएचडी, डीएम, डीएनबी, एमसीएच की डिग्री एनएमसी के मान्यता प्राप्त कालेजों और संस्थानों की ही मान्य होगी। वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध है।

    70 प्रतिशत से अधिक अंक होने पर पांच मेधा अंक 

    आयोग के अनुसार एमबीबीएस की परीक्षा में 70 प्रतिशत से अधिक अंक होने पर पांच मेधा अंक निर्धारित है। 65 से अधिक पर चार, 60 से अधिक पर तीन, 55 से अधिक पर दो तथा 50 से अधिक पर एक मेधा अंक का प्रविधान है।

    एक या एक से अधिक एमबीबीएस परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण होने की स्थिति में प्राप्तांक के कुल योग की गणना संबंधित विषयों में अनुत्तीर्णता एवं उत्तीर्णता अंकों का मध्यमान से की जाएगी।

    वहीं, विदेशी मान्यता प्राप्त संस्थानों से एमबीबीएस उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के प्राप्तांक की गणना विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा स्क्रीनिंग टेस्ट (एफएमजीई) के प्राप्तांक प्रतिशत को दशमलव छह (0.6) के गुणक से गुणा करके किया जाएगा।

     साक्षात्कार के लिए छह अंक निर्धारित 

    एमडी, एमएस अथवा भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा स्पेशलिटी में अहर्ता तथा पीएचडी, डीएमएमसीएच के लिए 10-10 अंक, सरकारी क्षेत्र में कार्यानुभव के लिए प्रतिवर्ष दो अंक मिलेंगे, इसके लिए अधिकतम 10 अंक दिए जाएंगे। साक्षात्कार के लिए छह निर्धारित हैं। प्रत्येक शोध प्रकाशन के लिए दो अंक दिए जाएंगे, इसमें अधिकतम 10 अंक का प्रविधान है।

    सहायक प्राध्यापक में नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी को न्यूनतम 18 अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। राज्य में केंद्र व राज्य सरकार, पंचायत, नगर निकाय द्वारा संचालित चिकित्सा महाविद्यालय व संस्थानों में कार्यानुभव को अधिमानता दी जाएगी। चिकित्सा शिक्षा के कार्यानुभव के लिए संस्थानों की सूची आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

    पांच वर्षीय एमसीएच के लिए 20 अंक निर्धारित 

    आयोग के अनुसार विषय विशेष में स्नातकोत्तर डिग्री एवं डीएम, एमसीएच, डीएनबी (सुरपरस्पेशियलिटी) नहीं करके पांच वर्ष का एमसीएच डिग्री या पांच वर्ष का डीएम डिग्री प्राप्त किया है। उन्हें 20 अंक मान्य होगा। इसके लाभ के लिए अभ्यर्थी को संस्थान से निर्गत पांच वर्षीय डीएम, एमसीएच डिग्री होने संबंधि प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

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