Updated: Wed, 17 Sep 2025 12:50 PM (IST)
सीतामढ़ी सदर अस्पताल में बिचौलियों का दबदबा कायम है। एक महिला अपनी बेटी के पैर में फ्रैक्चर का इलाज कराने आई लेकिन उसे बहला-फुसलाकर एक निजी चिकित्सक के पास ले जाया गया। कम पैसे होने के कारण इलाज से मना कर दिया गया। बिना बोर्ड के क्लिनिक चलाने वाले चिकित्सक पर स्थानीय लोगों ने डिग्री न होने का आरोप लगाया है। अस्पताल प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया है।
संवाद सूत्र, सीतामढ़ी। सदर अस्पताल में लाख कोशिश के बावजूद बिचौलियों का बोलबाला समाप्त नहीं हो पा रहा है। मेहसौल ओपी क्षेत्र के मेहसौल मोहल्ले की रहने वाली एक महिला मंगलवार को अपनी बच्ची अलिजा खातून के पैर फ्रैक्चर का इलाज कराने सदर अस्पताल आयी थी।
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इस दौरान वहां घूम रही बिचौलिया महिला उसको बहला फुसलाकर एक निजी चिकित्सक के पास पहुंचा दिया। लेकिन महिला के पास मात्र दो सौ रुपये रहने के कारण बिचौलियों व चिकित्सक महिला की बच्ची का इलाज करने से मना करने लगे।
इस नोक झोंक के कारण बिना बोर्ड के चल रहे क्लीनिक के आगे लोगों की भीड़ जुट गई। तभी किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। महिला ने बताया कि मेरे पास केवल दो सौ रुपये है। मेरे पुत्री का पैर फ्रैक्चर हुआ है।
इलाज के लिए सदर अस्पताल में आये थे। जहां एक्स-रे भी कराया गया था, इसी बीच एक महिला बोली कि मेरे एक जान पहचान के चिकित्सक बगल में है। वहां कम पैसे में इलाज हो जाएगा.
उसके बाद वह यहां लेकर आ गई। इलाज के नाम पर दो हजार रुपये मांग रहे हैं। मेरे पास इतने रुपए नहीं हैं। अपने आप को चिकित्सक बताने वाले राम मंगल सिंह ने बताया कि इलाज के लिए महिला आयी थी। लेकिन उनसे जब पूछा गया कि आप क्या चीज का इलाज करते हैं, तो उन्होंने कुछ बोलने से परहेज करने लगे।
जानकारी के अनुसार, सदर अस्पताल के मुख्य गेट पर बिना बोर्ड लगाए खपरैल घर में टूटे हुए हाथ-पैर पर प्लास्टर का काम करता है। बिचौलए के माध्यम से उसके पास मरीज आते हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि वह कोई डिग्रीधारी चिकित्सक नहीं हैं। इस संबंध में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. मुकेश कुमार ने बताया कि आपलोगों के माध्यम से सूचना मिली है। वरीय अधिकारी को सूचना दी गई है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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