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    Sitamarhi News: सीतामढ़ी में शिक्षा विभाग के दो अफसरों पर कसेगा शिकंजा, सामने आई गड़बड़ी; शिक्षकों में भी हड़कंप

    Updated: Mon, 20 Jan 2025 03:46 PM (IST)

    सीतामढ़ी में शिक्षक नियोजन में बड़ा घोटाला सामने आया है। 314 शिक्षकों की नियुक्ति में रोस्टर में गड़बड़ी कर अवैध तरीके से बहाली की गई। इस मामले में पूर्व के कई अधिकारियों और कर्मियों की संलिप्तता पाई गई है। शिक्षक अपीलीय प्राधिकार ने डीईओ और डीपीओ की भूमिका पर सवाल उठाते हुए विभाग से कार्रवाई की सिफारिश की है। जागरण संवाददा

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    सीतामढ़ी में 2019-20 में हुई शिक्षक भर्ती में घोटाला (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी। जिले में 314 शिक्षकों की रोस्टर में गड़बड़ी कर अवैध नियुक्ति का मामला सामने आ गया है। इसमें पूर्व के कई अधिकारियों एवं कर्मियों की संलिप्तता भी आ रही है। ये नियुक्तियां 2019-20 के बीच में हुईं।

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    इन शिक्षकों को हर महीने करोड़ों रुपये का वेतन दिया जा रहा है। जिला शिक्षक अपीलीय प्राधिकार ने भी डीईओ और डीपीओ की संलिप्तता की ओर इशारा किया है।

    मो. एजाज अहमद ने की शिकायत

    इस संबंध में परिहार प्रखंड के गोरहारी गांव निवासी मो. एजाज अहमद ने शिक्षक अपीलीय प्राधिकार में वाद संख्या 65/23 दायर की थी। उन्होंने शिकायत की थी कि निर्धारित सीटों से 314 अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। इस मामले में पूर्व डीईओ और डीपीओ समेत चार अधिकारी आरोपित हैं।

    अहमद ने बताया कि डीईओ ने तीन सदस्यीय टीम से जांच कराई थी। इस टीम ने अपनी रिपोर्ट में पुष्टि की थी कि 2019 में शिक्षक नियोजन के लिए जो रोस्टर जारी हुआ था, उसमें तय कोटे से अधिक पदों का बंटवारा किया गया है।

    इन पदों पर हुई अवैध नियुक्तियां

    • सामान्य वर्ग में-116
    • बीसी में-35
    • स्नातक ग्रेड हिंदी सामान्य कोटि में- 14
    • स्नातक ग्रेड अंग्रेजी सामान्य कोटि में- 5
    • स्नातक ग्रेड गणित विज्ञान सामान्य कोटि में - 1
    • बीसी कोटि में - 1
    • स्नातक ग्रेड उर्दू सामान्य कोटि में- 2
    • ईबीसी कोटि में- 3

    314 पदों पर हुई अवैध नियुक्तियां

    कुल मिलाकर 314 पदों पर अधिक नियुक्तियां हुईं। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी इस मामले की सुनवाई की। आयोग ने भी अवैध रिक्ति वितरण की पुष्टि की और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया।

    डीपीओ ने नहीं दिया जवाब

    प्राधिकार के पीठासीन पदाधिकारी प्रेमचंद ने कहा कि 30 अगस्त 2024 को डीपीओ और डीईओ से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी थी। 6 सितंबर 2024 को सुनवाई की तारीख तय की गई, डीपीओ ने समय मांगा।

    फिर 28 सितंबर और 10 अक्टूबर 2024 को सुनवाई हुई, लेकिन डीपीओ ने कोई जवाब नहीं दिया।

    दिसंबर 2024 को प्राधिकार ने अपने आदेश में कहा कि विभिन्न विषयों के निर्धारित कोटे से 314 पद अधिक वितरित कर नियोजन की कार्रवाई की गई। प्राधिकार ने यह भी कहा कि हर महीने वेतन के रूप में करोड़ों रुपये देकर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

    कार्रवाई की अनुशंसा

    इस मामले को लेकर पीठासीन अधिकारी ने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ विभाग से कार्रवाई की अनुशंसा की है।

    मालूम हो कि अभिमन्यु कुमार सिंह वार्ड संख्या 15, ग्राम दोघरा, रीगा द्वारा पिछड़े वर्गो के लिए राज्य आयोग बिहार पटना में वर्ष 2019- 20 में शिक्षक नियोजन के लिए सामान्य शिक्षकों के पदों पर की गई नियुक्तियों में रोस्टर निर्माण में की गई अनियमितता का आरोप लगाया था।

    उन्होंने 2019-20 में रोस्टर निर्माण में बैकलाग पदों का समायोजन नहीं करने की शिकायत की थी।

    इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रमोद कुमार साहू ने बताया कि आयोग द्वारा मामले में रोस्टर से अधिक बहाल किए गए शिक्षकों को हटाने का फिलहाल कोई निर्देश प्राप्त नहीं है, जबकि समायोजन का निर्देश है।

    अवैध भुगतान के मामले में उन्होंने बताया कि रोस्टर में गड़बड़ी कर बहाली का मामले उनके कार्यकाल से पूर्व का है और बहाली नियोजन इकाई द्वारा किया गया था।

    ऐसे में बहाल शिक्षकों का भुगतान विभागीय आदेश के आलोक में ही रोका जा सकता है। आयोग के निर्देश के अनुसार विभाग को लिखा गया है, निर्देश प्राप्त होते ही आगे कार्रवाई की जाएगी।

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