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    Sitamarhi: ITBP जवान ने शिक्षक भाई के साथ मिलकर बच्‍चे को किया किडनैप, रेलकर्मी ने जान पर खेलकर मासूम को छुड़ाया

    By Mukesh KumarEdited By: Prateek Jain
    Updated: Thu, 19 Oct 2023 11:45 PM (IST)

    Sitamarhi Crime अमिताभ बच्चन और गोविंदा अभिनीत फिल्म बड़े मियां छोटे मियां फिल्म के दौर में आपको लिए चलते हैं। 24 साल पहले रिलीज इस फिल्म का टाइटल सॉन्ग- बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभान अल्लाह... दो सगे भाइयों की साजिश पर बिल्कुल मुफीद बैठता है। मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र के रसुलपुर गांव के पप्पू कुमार सिंह के 10 साल के पुत्र श्लोक को अगवा कर लिया।

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    किडनैपर से बरामद बच्‍चे को ले जाते हुए पुलिस। फोटो- जागरण

    देवेंद्र प्रसाद सिंह, रुन्नीसैदपुर (सीतामढ़ी)। अमिताभ बच्चन और गोविंदा अभिनीत फिल्म ''बड़े मियां छोटे मियां'' फिल्म के दौर में आपको लिए चलते हैं।

    24 साल पहले रिलीज इस फिल्म का टाइटल सॉन्ग- ''बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां सुभान अल्लाह...'' दो सगे भाइयों की साजिश पर बिल्कुल मुफीद बैठता है।

    मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र के रसुलपुर गांव के पप्पू कुमार सिंह के 10 साल के पुत्र श्लोक को अगवा कर 50 लाख रुपये की फिरौती वसूलने की साजिश छोटे व बड़े भाई ने जिस तरह रची, पुलिस भी उसके बारे में सुनकर हैरत में है।

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    रेलकर्मी ने जान पर खेलकर बच्‍चे को छुड़ाया

    भला हो उस रेलकर्मी राजेंद्र कुमार का, जिसने अपनी जान पर खेलकर रुन्नीसैदपुर रेलवे स्टेशन से इस बच्चे को अपहर्ता के चंगुल से छुड़ा लिया।

    श्लोक के पिता पप्पू सिंह वैसे तो पूर्वी चंपारण जिले के राजेपुर थानान्तर्गत सगहरी गांव के रहने वाले हैं, लेकिन बिजनेस के सिलसिले में मुजफ्फरपुर में रहते हैं और वहां हैवेल्स कंपनी के लिए मार्केटिंग का काम देखते हैं। उनका पुत्र श्लोक अहियापुर में ही पैगवीन पब्लिक स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ता है।

    सोमवार को स्कूल की छुट्टी के बाद वह बस से उतरा तभी बदमाशों ने उसे घर पहुंचाने के बहाने अपनी बाइक पर बैठा लिया तो गुरुवार तड़के तीन बजे रुन्नीसैदपुर में उसकी रिहाई हो सकी।

    नंबर व लोकेशन बदल-बदलकर फोन कर रहा था छोटा भाई

    मुजफ्फरपुर पुलिस ने अपहर्ता के दूसरे भाई के मोबाइल फोन के सहारे उसे सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पर दबोच लिया। वह फोन के द्वारा फिरौती के पचास लाख रुपये मांग रहा था।

    वह इतना शातिर था कि पकड़े जाने के डर से नंबर व लोकेशन बदल-बदलकर फोन कर रहा था। बच्चे के स्वजन को फिरौती की रकम के साथ सीतामढ़ी स्टेशन पर बुलाया था।

    मुजफ्फरपुर पुलिस के बिछाए जाल में वह फंस गया। पुलिस ने यहां से उसको दबोच लिया। वह अथरी (गरगट्टा) गांव निवासी चंद्र भूषण सिंह का पुत्र सौरभ उर्फ कन्हाई है, उसकी निशानदेही पर मुजफ्फरपुर पुलिस उसके घर पहुंच गई।

    पुलिस के पहुंचने से पूर्व ही बच्चे को लेकर सौरभ का बड़ा भाई गौरव उर्फ मोहन रुन्नीसैदपुर रेलवे स्टेशन निकल चुका था, जहां रेलकर्मी की बहादुरी से बच्चा भी मिल गया। गौरव आईटीबीपी का जवान है और प्रयागराज में उसकी पोस्टिंग है। फिलहाल उसकी तलाश चल रही है।

    कोचिंग में पढ़ाते-पढ़ाते स्कूली बच्चे को लेकर भागने की सोची तरकीब

    गिरफ्तार सौरभ ने पुलिस को बताया कि घर बनाने में काफी कर्ज हो गया था। इसीलिए दोनों भाइयों ने ये तरकीब निकाली। सौरभ अहियापुरपुर में ही कोचिंग में पढ़ाता है और उसका बड़ा भाई गौरव आईटीबीपी में प्रयागराज में तैनात है।

    इसके बावजूद घर बनाने में लिया गया कर्ज उन दोनों की कमाई से चुकता नहीं हो पा रहा था। लिहाजा, छुट्टी में घर आए भाई के साथ मिलकर दोनों ने श्लोक को अगवा करने की तरकीब निकाली।

    दरअसल, सौरभ की कोचिंग के पास ही बच्चा अपने स्कूल के लिए बस पकड़ने आया-जाया करता था, जिससे बच्चा उसकी नजर में घूम रहा था।

    इसी कारण श्लोक के परिवार के संबंध में उसने जानकारी इकट्ठा की। तीन-चार दिन तक बच्चे की रेकी की। उससे नजदीकी बढ़ाई। फिर, बाइक पर बैठाकर उसकाे अगवा कर ले भागा।

    अपहरणकांड में रेलकर्मी राजेंद्र की बहादुरी के चर्चे आम

    रेलकर्मी राजेंद्र की बहादुरी की चर्चा इलाके में हर जुबान पर है। सुनसान प्लेटफार्म पर अपनी जान की परवाह किए बगैर रेलकर्मी राजेन्द्र अपहरणकर्ता से उलझ गया तथा उसे बच्चे को छोड़ भागने पर मजबूर कर दिया। बदमाश ने अपने नाखूनों से उसके चेहरे पर खरोंच लगाकर उसे जख्मी भी कर दिया।

    राजेंद्र ने बताया कि रात में वह किसी मालगाड़ी को हरी झंडी दिखाने के लिए प्लेटफार्म पर खड़ा था। इसी दौरान बच्चे के साथ खड़े युवक पर नजर पड़ी। युवक का हाव-भाव संदिग्ध दिख रहा था।

    पूछताछ करने पर युवक भड़क उठा। दोनों के बीच गुत्थमगुत्थी होने लगी। हाथापाई में दोनों गड्ढ़े में गिर पड़े। शोरगुल होने पर रेलवे स्टेशन पर मौजूद कुछ कर्मी दौड़े।

    यह देखकर बदमाश बच्चे को छोड़ अंधेरे में गुम हो गया। बच्चे ने आपबीती सुनाई तो राजेंद्र की बहादुरी की सबने प्रशंसा की। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।

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