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    'गरीबी से निकलने के तीन रास्ते...', प्रशांत किशोर ने लालू-नीतीश और भाजपा की सरकारों पर बोला हमला

    By Mukesh KumarEdited By: Yogesh Sahu
    Updated: Fri, 27 Oct 2023 07:02 PM (IST)

    Prashant Kishor बिहार में जनसुराज पदयात्रा कर रहे राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने प्रदेश को गरीबी से बाहर निकालने के लिए तीन उपाय बताए हैं। इन दिनों सीतामढ़ी में लोगों से संपर्क साध रहे पीके ने इसके साथ ही राज्य में रही लालू यादव और नीतीश कुमार के साथ भाजपा गठबंधन की सरकारों पर भी हमला बोला है।

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    गरीबी से कैसे मिलेगी बिहार को मुक्ति? प्रशांत किशोर ने बताए ये तीन उपाय

    जासं, सीतामढ़ी। जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि गरीबी को जड़ से खत्म तभी किया जा सकता है, जब समाज के सभी वर्गों के बच्चों को अच्छी व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाए। शिक्षा के बिना विकास की बातें बेमानी हैं।

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    गुरुवार को प्रशांत किशोर ने जिले के बाजपट्टी प्रखंड के बनगांव उत्तरी, दक्षिणी, मधुरापुर, पचड़ा निगाही, आवापुर आदि गांवों में पदयात्रा की। इस दौरान नुक्कड़ सभाओं को संबोधित किया।

    बदलाव के लिए वोट करें

    उन्होंने लोगों से अपील की कि व्यवस्था में बदलाव के लिए वोट करें। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने भी आजादी के संघर्षों के दौरान और फिर आजादी दिलाने के बाद भी यही संदेश भारतवासियों को दिया था।

    दुनिया के अनेक विद्वानों ने भी गरीबी से निकलने के तीन रास्ते बताए हैं। इनमें शिक्षा सबसे पहला है। दूसरा मुनाफेदार खेती-किसानी और तीसरा पूंजी है। बीते 32 वर्षों की लालू-नीतीश और भाजपा की सरकारों ने तीनों रास्ते बंद कर दिए।

    चार पीढ़ियां अशिक्षित हो गईं

    उन्होंने कहा कि इस प्रकार चार पीढ़ियां अशिक्षित हो गईं और मजदूरी करने के अलावा उसके पास कोई रास्ता नहीं है। भू-हदबंदी कानून को अमलीजामा नहीं पहनाया गया। खेती के लिए सिंचाई, खाद बीज की उचित व्यवस्था नहीं है।

    बाढ़ की तबाही और सुखाड़ की परेशानी से किसान हर साल त्रस्त हैं। फसलों का उचित सरकारी मूल्य नहीं मिल रहा। इससे करीब 25 हजार करोड़ रुपये सालाना किसानों को घाटा लग रहा है।

    मजबूरी में करना पड़ रहा पलायन

    पूंजी की भारी कमी के कारण ग्रामीण कोई रोजगार नहीं कर पा रहे हैं। बैंक कर्ज नहीं देता। इस वजह से मजदूरी के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है। यही कारण है कि बिहार के लोगों को दूसरे प्रदेशों में रोजी-रोटी के लिए पलायन करना पड़ता है।

    उन्होंने लोगों से जात पात और धर्म से ऊपर उठकर अपने व बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा और रोजगार के नाम पर वोट देने की अपील की।

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