Sitamarhi: मोहनपुर का विवेक यादव बोल रहा हूं, पांच लाख नहीं दिया तो उड़ा दिया..
सीतामढी शहर के सिमेंट-बालू व्यवसायी विजय भगवानी ऊर्फ गुड्डू की गोली मार हत्या के बाद एक शख्स ने मीडिया को फोन करके इस घटना की जिम्मेदारी ली। उसने कहा कि अन्य लोग भी निशाने पर हैं जो बात नहीं मानेंगे उनका भी यहीं अंजाम होगा।
सीतामढ़ी, जागरण संवाददाता। शहर के सिमेंट-बालू व्यवसायी विजय भगवानी ऊर्फ गुड्डू की गोली मार हत्या के बाद एक शख्स ने मीडिया को फोन करके इस घटना की जिम्मेदारी ली। उसने एक नंबर से फोन किया और सीधे तौर पर कहा कि अन्य लोग भी निशाने पर हैं, जो बात नहीं मानेंगे उनका भी यहीं अंजाम होगा। उसने अपना नाम विवेक यादव और घर मोहनपुर बताया। उसने कहा कि व्यवसायी से पांच लाख रुपये रंगदारी मांगी गई थी। वे धमकी को गंभीरता से नहीं ले रहे थे। अंजाम भुगतना पड़ा। उस शख्स ने इसी नंबर से दो-बार कॉल की। उसका कहना था कि 10-15 रोज पहले उनसे ये रकम देने को कहा गया था।
यह भी पढ़ें: Sitamarhi: व्यवसायी की हत्या के बाद शातिर ने फेंका पर्चा, लिखा- 'जो रंगदारी नहीं देगा उसका भी यही हाल होगा...'
बताते चलें कि व्यवसायी और उनके पुत्र को एकसाथ हत्या की कोशिश की गई थी। मगर, लोगों की तत्परता से अपराधी इसमें कामयाब नहीं हुए। व्यवसायी को एक गोली ही मार पाए। गोली उनके सीने में बाईं तरफ लगी और अंदर ही फंस गई थी। सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम से पहले उनके शव का एक्स-रे कराया गया। जिसमें वह गोली अंदर ही फंसी हुई दिखाई पड़ी।
यह भी पढ़ें: Muzaffarpur: 11 साल में दो बार मरा मो. एनुल हक! मामला जानकर हैरान रह जाएंगे आप...
अपराधियों ने दिनदहाड़े व्यवसायी को भूना, 24 घंटे में गोलीबारी की चार घटनाएं
सीतामढ़ी जिले में अपराधी कितने बेखौफ हैं यह कहने की बात नहीं है। 24 घंटे के अंदर गोलीबारी की चार बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। जिनमें एक ऑन ड्यूटी दारोगा शराब तस्करों से लोहा लेते शहीद हो गए। चौकीदार को भी गोलियां मारी। बेलसंड में एक अधेड़ की गोली मार हत्या कर दी गई। परिहार में मामूली विवाद में दो लोगों को गोली मारी गई। इधर, सीतामढ़ी शहर के अंदर दिनदहाड़े एक प्रमुख व्यवसायी को गोलियों से छलनी कर दिया।
यह घटना उस वक्त हुई जब तिरहुत प्रक्षेत्र के आइजी गणेश कुमार स्वयं भी जिले में मौजूद थे। उनके साथ पुलिस कप्तान अनिल कुमार और तमाम पुलिस पदाधिकारी मूवमेंट में थे। एक के बाद एक घटना को बेखौफ अपराधी अंजाम दे रहे हैं जबकि, पुलिस का इंटेलीजेंस, क्राइम ब्रांच सबके रहते ये हाल है। हर हफ्ते लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन रखने के लिए पुलिस और प्रशासन के स्तर पर बैठकें हो रही हैं बावजूद ये हाल उन बैठकों का हश्र बयां कर देता है।