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    10 साल बाद मिला न्याय: बीमा की 75% राशि 2015 से 7% ब्याज के साथ देने का उपभोक्ता आयोग का आदेश

    By Deepak Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Fri, 26 Dec 2025 12:45 PM (IST)

    सीतामढ़ी में सड़क दुर्घटना में ऑटो रिक्शा चालक की मौत के बाद बीमा कंपनी द्वारा भुगतान से इनकार करने पर, जिला उपभोक्ता आयोग ने 10 साल बाद विधवा को न्या ...और पढ़ें

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    Insurance Claim Case Bihar: मानसिक पीड़ा के लिए पांच हजार रुपये हर्जाना भुगतान करने का भी दिया आदेश। प्रतीकात्मक फोटो

    जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी। Sitamarhi Consumer Court Order: सड़क दुर्घटना में पति की मौत के बाद करीब दस वर्षों से न्याय के लिए भटक रही महिला को जिला उपभोक्ता आयोग से राहत मिली है।

    आयोग ने बीमा कंपनी को निर्देश दिया है कि वह बीमा राशि का 75 प्रतिशत, यानी डेढ़ लाख रुपये वर्ष 2015 से सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ भुगतान करे।

    इसके अलावा मानसिक पीड़ा और वाद व्यय के लिए पांच हजार रुपये अतिरिक्त देने का भी आदेश दिया गया है। मामला सुरसंड थाना क्षेत्र के हनुमाननगर गांव निवासी स्व. मो. शकील रैन से जुड़ा है, जो ऑटो रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे।

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    27 अप्रैल 2015 को मधुबनी जाने के दौरान बंगरा चौक के पास सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। शकील रैन ने ऑटो रिक्शा फाइनेंस कराकर खरीदा था और उस पर व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा भी कराया गया था।

    दुर्घटना के बाद उनकी पत्नी सैरूल खातून ने बीमा राशि के भुगतान के लिए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क किया, लेकिन कंपनी ने दावा खारिज कर दिया।

    इसके बाद सैरूल खातून ने 27 अक्टूबर 2016 को बीमा कंपनी के शाखा प्रबंधक के खिलाफ जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर किया और बीमा राशि व क्षतिपूर्ति के रूप में तीन लाख रुपये की मांग की। सुनवाई के दौरान जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष गिरिश मिश्र ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पाया कि बीमा कंपनी द्वारा दावा खारिज करना उचित नहीं था।

    आयोग ने आदेश दिया कि मृतक के उत्तराधिकारी को बीमा राशि का 75 प्रतिशत, यानी डेढ़ लाख रुपये वर्ष 2015 से सात प्रतिशत ब्याज की दर से गणना कर दो माह के भीतर भुगतान किया जाए।

    साथ ही शिकायतकर्ता को हुई मानसिक एवं शारीरिक पीड़ा के लिए पांच हजार रुपये हर्जाने के रूप में देने का भी निर्देश दिया गया है।