सोशल मीडिया पर अफवाह फैलानेवालों के विरुद्ध होगी कार्रवाई : डीएम
सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार अफवाह फैलाने वालों की खैर नहीं। सोशल मीडिया का दुरुपयोग करनेवालों के विरुद्ध गृह विभाग द्वारा जारी अपील के आलोक में सी ...और पढ़ें

सीतामढ़ी। सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार अफवाह फैलाने वालों की खैर नहीं। सोशल मीडिया का दुरुपयोग करनेवालों के विरुद्ध गृह विभाग द्वारा जारी अपील के आलोक में सीतामढ़ी डीएम डॉ. रंजीत कुमार ¨सह और एसपी विकास बर्मन ने आम जनता से सोशल मीडिया पर अफवाह नहीं फैलाने की अपील की है। वहीं अफवाह या भ्रामक सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। डीएम ने बताया है कि सोशल मीडिया पर किये जाने वाले पोस्ट पर नजर रखने के लिए जिला स्तरीय टेक्निकल सेल का गठन कर दिया गया है, जिसके द्वारा सोशल मीडिया के पोस्ट का पर्यवेक्षण प्रारम्भ कर दिया गया है। प्रशासन की साइबर टीम के अतिरिक्त यूथ फॉर डीएम व अन्य स्त्रोतों को भी सोशल मीडिया पर नजर रखने की जबाबदेही दी गई है। उन्होंने कहा कि कुछ ग्रुप को टार्गेट पर लेकर जांच शुरू कर दी गई है, जांच रिपोर्ट आते ही एडमिन के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। डीएम ने गृह विभाग द्वारा जारी आदेश का हवाले देते हुए कहा है कि ऐसा संदेश पोस्ट ना करें जिससे किसी की भावनाएं आहत हो। फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सएप्प या यूट्यूब समेत किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही अफवाहों को शेयर रीट्वीट या पोस्ट ना करें। किसी भी सोशल नेटवर्किंग साइट में मित्र समूह, वीडियो या पेज लाइक, सब्सक्राइब या फॉलो करने में सावधानी बरतें और उन्माद फैलाने वाले तत्वों से सावधान रहें। यूट्यूब या अन्य किसी वीडियो चैनल पर तनाव उत्पन्न करने वाले वीडियो या फोटो अपलोड या डाउनलोड शेयर न करें। कहा है कि किसी भी झूठे प्रचार अफवाह या दो समूहों में तनाव या वैमनस्य पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल होने वालों के विरुद्ध जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है। इसके तहत भारतीय दंड विधान की धारा 153-ए के तहत तीन वर्षों की सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है। भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए के अंतर्गत 3 वर्षों की सजा और जुर्माना तथा आईटी एक्ट 2008 की धारा 67 के अंतर्गत 3 वर्षों की सजा और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना और इसे दोहराने पर 5 वर्षों की सजा और 10 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। डीएम-एसपी ने संयुक्त आदेश जारी कर कहा है कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के लिए ग्रुप एडमिन को जिम्मेवार माना गया है। जारी आदेश में कहा गया है कि ग्रुप एडमिन वही बने जो उस ग्रुप के लिए पूर्ण जिम्मेवारी और उत्तरदायित्व का वाहन करने में समर्थ हो। अपने ग्रुप के सभी सदस्यों से ग्रुप एडमिन की पूर्णता परिचित होना अनिवार्य है। ग्रुप के किसी सदस्य द्वारा फैलाए गए अफवाह को लेकर ग्रुप एडमिन का तत्काल खंडन कर उस सदस्य को ग्रुप से हटाना सुनिश्चित करे। साथ ही इसकी सूचना पुलिस को भी दे। ग्रुप एडमिन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने व पुलिस को इसकी सूचना नहीं देने पर उन्हें इसका दोषी माना जाएगा और उनके विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।

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