सारण के सरकारी स्कूलों में JEE-NEET की तैयारी को लेकर बड़ा कदम, 5 से 8 जनवरी तक होंगे मॉक टेस्ट
सारण जिले के सरकारी स्कूलों में 12वीं कक्षा के विज्ञान छात्रों के लिए शिक्षा विभाग ने जेईई और नीट मॉक टेस्ट आयोजित करने की पहल की है। 5-6 जनवरी को जेई ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, छपरा। सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को जेईई और नीट जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बेहतर अवसर देने की दिशा में शिक्षा विभाग ने ठोस पहल की है।
सारण जिले के सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत 12वीं कक्षा के विज्ञान संकाय के छात्रों का आईसीटी लैब में मॉक टेस्ट आयोजित किया जाएगा। इससे छात्रों को वास्तविक परीक्षा जैसा अनुभव मिलेगा और उनकी तैयारी को मजबूती मिलेगी।
पांच-छह जनवरी को जेईई, सात-आठ जनवरी को नीट का मॉक टेस्ट
जिला शिक्षा विभाग के अनुसार पांच और छह जनवरी को आईआईटी-जेईई का मॉक टेस्ट लिया जाएगा। इसके बाद सात और आठ जनवरी को नीट का मॉक टेस्ट आयोजित होगा। यह परीक्षा विशेष रूप से उन छात्रों के लिए होगी, जो सरकारी स्कूलों में पढ़ते हुए तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा में प्रवेश की तैयारी कर रहे हैं।
तीन पालियों में आयोजित होगी परीक्षा
मॉक टेस्ट तीन पालियों में आयोजित किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों को सुविधा मिल सके। प्रथम पाली सुबह 9 से 11 बजे तक चलेगी। दूसरी पाली साढ़े 11 बजे से डेढ़ बजे तक होगी। तीसरी पाली दोपहर दो से चार बजे तक आयोजित की जाएगी। प्रत्येक पाली में छात्रों को दो घंटे का समय दिया जाएगा।
100 प्रश्न, वास्तविक परीक्षा जैसा पैटर्न
मॉक टेस्ट में विद्यार्थियों से कुल 100 प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रश्नों का स्तर और पैटर्न वास्तविक जेईई और नीट परीक्षा के अनुरूप रखा गया है। इससे छात्रों को समय प्रबंधन, प्रश्न चयन और दबाव में प्रदर्शन करने का अभ्यास मिलेगा।
64 स्कूलों की आईसीटी लैब में होगी व्यवस्था
सारण जिले के विभिन्न प्रखंडों के 64 उच्च विद्यालयों में स्थापित आईसीटी लैब में यह मॉक टेस्ट आयोजित किया जाएगा। एमआईएस प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि जिन विद्यालयों में अभी तक आईसीटी लैब की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां के विद्यार्थी नजदीकी ऐसे विद्यालयों में परीक्षा देंगे, जहां ई-लाइब्रेरी और आईसीटी लैब स्थापित है।
डीपीओ ने दिए आवश्यक निर्देश
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के प्रशासी पदाधिकारी द्वारा भेजे गए पत्र के बाद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा) ने सभी संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया है। आईसीटी लैब में बिजली, रोशनी, इंटरनेट, एग्जास्ट फैन और बैठने की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। परीक्षा के दौरान अनुशासन और सुविधा बनाए रखने पर भी विशेष जोर दिया गया है।
मॉक टेस्ट से कैसे मिलेगा लाभ
मॉक टेस्ट अभ्यास परीक्षा होती है, जिसे वास्तविक प्रतियोगी परीक्षा के समान बनाया जाता है। इससे छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ता है। बार-बार अभ्यास करने से विद्यार्थी समय सीमा के भीतर प्रश्न हल करना सीखते हैं।
साथ ही, वे अपनी कमजोरियों को पहचानकर परीक्षा की बेहतर रणनीति तैयार कर पाते हैं। यह पहल सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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