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    पसमांदा समाज ने उठाई SC/ST एक्ट में शामिल होने की मांग, सरकार से पहल करने की अपील

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 05:43 PM (IST)

    छपरा में आयोजित एक सम्मेलन में पसमांदा मुस्लिम समाज को SC/ST एक्ट में शामिल करने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि इससे अल्पसंख्यक समुदाय में सामाजिक न्याय स्थापित होगा। पूर्व सांसद डॉ. एजाज अली ने सरकार से इस दिशा में पहल करने का आग्रह किया। सम्मेलन में कई स्थानीय नेताओं ने भी इस मांग का समर्थन किया।

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    पसमांदा मुस्लिम समाज को SC-ST एक्ट में शामिल करने की मांग। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, छपरा। भिखारी ठाकुर आर्ट गैलरी सह प्रेक्षागृह में आयोजित तहफ्फुजे माशरा कान्फ्रेंस में पसमांदा मुस्लिम समाज को अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 के दायरे में शामिल करने की जोरदार मांग की गई।

    ऑल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा और इंडियन पसमांदा काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के वंचित तबकों को सुरक्षा और सम्मान दिलाना समय की आवश्यकता है।

    सम्मेलन के मुख्य अतिथि, पूर्व राज्यसभा सांसद एवं मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एजाज अली ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी राजनीति मंदिर-मस्जिद और हिंदुस्तान-पाकिस्तान जैसे मुद्दों तक सीमित है, जबकि जनता की वास्तविक समस्याएं महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार हैं।

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    उन्होंने कहा कि एससी-एसटी एक्ट लागू होने के बाद दलित और आदिवासी समाज पर अत्याचारों में कमी आई है। यदि पसमांदा मुस्लिम समाज को भी इसमें शामिल किया जाए तो अल्पसंख्यक वर्ग में सामाजिक संतुलन और न्याय स्थापित होगा।

    डॉ. अली ने स्पष्ट किया कि फकीर, धोबी, हलालखोर, मेहतर, भंगी, जुलाहा, खटीक, मदारी, सपेरा, डफाली, मोची, पासी, शिल्पकार, भटियारा और भाट समेत कई मुस्लिम जातियां इस कानून की पात्रता रखती हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस दिशा में गंभीर पहल करने की अपील की।

    दिल्ली से आए सामाजिक कार्यकर्ता हाफिज गुलाम सरवर ने कहा कि 1989 में बने अत्याचार निवारण कानून को मौजूदा दौर की जरूरतों के हिसाब से संशोधित करने की आवश्यकता है।

    पसमांदा समाज को इसमें शामिल करना सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम होगा। सम्मेलन में स्थानीय नेताओं ने भी इस मांग का समर्थन किया। सारण जिला अध्यक्ष इंजीनियर समीर, हसनैन अंसारी, तौफीक साह, अहमद हुसैन, नूर हसन आजाद, खुर्शीद सेराज, वसीम राजा, मौलाना परवेज, कंप्यूटर बाबा, फैज़ुल्ला अंसारी समेत कई वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि पसमांदा समाज की अनदेखी से असमानता की खाई गहरी होती जा रही है।

    कार्यक्रम की अध्यक्षता मोहम्मद सलीम ने की और संचालन जाहिर हुसैन ने किया। स्वागत भाषण कमरुद्दीन अंसारी ने प्रस्तुत किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन इंजीनियर मोहम्मद समीर अली ने किया। वक्ताओं ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि समाज के कमजोर तबकों को समान अधिकार दिलाने के लिए ठोस कदम शीघ्र उठाए जाएं।