बिहार में महिलाओं के लिए बड़ी खुशखबरी, सरकारी नौकरी में मिलेगा 35 प्रतिशत रिजर्वेशन; नीतीश सरकार ने किया एलान
बिहार में एक बार फिर से नीतीश सरकार ने महिलाओं के लिए बड़ी घोषणा की है। शहर के परिषद में रविवार को पंचायती राज मंत्री केदार गुप्ता ने भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी अनुमंडल एवं प्रखंडों में कॉलेज की स्थापना की जा रही है। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण मिलेगा।
जागरण संवाददाता, छपरा। शहर के परिषद में रविवार को पंचायती राज मंत्री केदार गुप्ता ने भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि पंचायती राज विभाग बिहार के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि बिहार के बजट में बहुत योजनाओं को लागू किया जाएगा। पंचायती राज में 50 प्रतिशत और सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण मिलेगा। बसों के कंडक्टरों की बहाली में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण लागू किया जाएगा।
नीतीश सरकार बिहार में कर रही काम
मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी अनुमंडल एवं प्रखंडों में कॉलेज की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2027 तक राज्य के किसी जिले से पटना की दूरी चार घंटे से कम हो जाएगी।
संवाददाता सम्मेलन में मौजूद पंचायती राज मंत्री, विधायक एवं भाजपा जिला अध्यक्ष। (जागरण)
बिहार के सभी प्रमंडल में राष्ट्रीय मानकों के आधार पर खेल और संरचना तथा हर एक प्रखंड पर एक आउटडोर स्टेडियम बनाया जा रहा है।
केदार गुप्ता ने कहा कि बिहार में निर्मित वस्तुओं को बाजार उपलब्ध हो सके, इसके लिए भी कार्य किया जा रहा है। इस मौके पर भाजपा विधायक डॉ. सीएन गुप्ता, जिला अध्यक्ष रणजीत सिंह अशोक सिंह, धर्मेंद्र चौहान, विवेक कुमार सिंह उपस्थित थे।
तेजस्वी के झूठे दावों की खुली पोल : प्रभाकर
वहीं, दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर मिश्र ने कहा कि बिहार में नौकरी और रोजगार का स्वर्णिम काल चल रहा है। एनडीए सरकार में नौकरियों की बहार है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश का कोई युवा बेरोजगार न रहे। यह लक्ष्य शीघ्र ही हासिल कर लिया जाएगा।
प्रभाकर ने कहा कि एक तरफ नियुक्ति पत्र पाकर शिक्षक अभ्यर्थियों के चेहरे पर खुशियों के रंग हैं, वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और विपक्षी दलों के नेताओं के चेहरे के रंग उड़ गए हैं।
युवाओं को गुमराह कर रहे तेजस्वी यादव
असल में विपक्षी दलों के नेताओं ने सिर्फ युवाओं को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन, बिहार के युवा हर फरेबी को पहचानते हैं। नौकरी देने के झूठे दावे करनेवाले तेजस्वी यादव की पोल अब खुल चुकी है। आलम यह है कि बिहार के युवा तेजस्वी यादव का चेहरा देखना नहीं चाहते हैं।
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