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    लालू-प्रभुनाथ की दोस्ती में क्यों आई दरार? RJD प्रमुख ने कभी 'ब्रह्म बाबा के लासा' का जिक्र करके बढ़ाया था हाथ

    Updated: Wed, 24 Apr 2024 11:48 AM (IST)

    बिहार की महाराजगंज सीट इन दिनों काफी चर्चा में है। यह सीट इस बार कांग्रेस के खाते में चली गई है। इसको लेकर लालू यादव और प्रभुनाथ सिंह की दोस्ती भी टूट गई है। एक दौर था जब लालू और प्रभुनाथ ने एक दूसरे के साथ हाथ मिलाने के बाद कहा था कि यह दोस्ती अटूट है। उस दौरान लालू ने ब्रह्म बाबा के लासा का भी जिक्र किया था।

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    ब्रह्म बाबा के लासा से हुई लालू-प्रभुनाथ की दोस्ती में दरार

    शिवानुग्रह सिंह, छपरा। Bihar Politics In Hindi संसदीय चुनावी समर में महाराजगंज संसदीय सीट चर्चा में है। चर्चा के केंद्र में हैं यहां के चार बार सांसद रहे नेता प्रभुनाथ सिंह (Prabhunath Singh)। यह संसदीय सीट कांग्रेस के पाले में जाने के बाद लालू प्रसाद (Lalu Yadav) और प्रभुनाथ सिंह की दोस्ती में दरार आ गई है। इन दोनों नेताओं की दोस्ती 2010 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले हुई थी।

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    यहां के लोगों को याद है वह दिन जब छपरा के राजेंद्र स्टेडियम में मिलन समारोह आयोजित हुआ था। प्रभुनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा था कि आज वे अपने पूरे कुनबे के साथ जदयू से नाता तोड़ लालू प्रसाद से दोस्ती की गांठ बांध रहे हैं।

    साथ ही सवालिया लहजे में यह भी कहा था कि पता नहीं यह दोस्ती कितनी मजबूत होगी, क्योंकि लालू प्रसाद रेड़ी का तेल लगाकर किसी से हाथ मिलाया करते हैं। मंच पर मौजूद लालू प्रसाद ने तपाक से माइक हाथ में ले लिया और बोले यह दोस्ती ब्रह्म बाबा का लासा हाथ में लगाकर हो रही है।

    फिर दोनों नेताओं ने कहा था कि यह दोस्ती अटूट है और कभी नहीं टूटेगी। पर, विडंबना देखिए कि डेढ़ दशक में ब्रह्म बाबा की लासा वाली यह दोस्ती दरक गई।

    दोनों नेता के चुनाव लड़ने पर वंदिश और लड़के सियासत में

    दोनों दिग्गज नेताओं की जब दोस्ती की गांठ बंधी तो लालू प्रसाद सारण के सांसद थे और प्रभुनाथ सिंह 2009 का चुनाव महाराजगंज में हारे हुए थे। हालांकि 2013 का उपचुनाव जीत वे लोकसभा पहुंच गये। एक वक्त ऐसा भी आया कि इन दोनों नेताओं के चुनाव लड़ने पर वंदिश लग गयी। आज इनके बच्चे सियासत में सक्रिय हैं।

    लालू प्रसाद की पुत्री रोहिणी आचार्य सारण सीट पर राजद की प्रत्याशी हैं और महाराजगंज सीट कांग्रेस के खाते में जाने से प्रभुनाथ सिंह के पुत्र रणधीर कुमार सिंह राजद का सिंबल पाने से वंचित हो गए हैं।

    प्रदेश अध्यक्ष का पुत्र कांग्रेस प्रत्याशी तो रणधीर निर्दलीय

    कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के पुत्र आकाश प्रसाद सिंह प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। इधर यहां के चार बार सांसद रहे प्रभुनाथ सिंह के पुत्र रणधीर कुमार सिंह ने राजद से नाता तोड़ लिया है।

    इसमें उनके पिता और राजद विधायक चाचा केदारनाथ सिंह की भी सहमति बतायी जा रही है। पिछले संसदीय चुनाव में रणधीर सिंह राजद के प्रत्याशी थे और इसबार उनका निर्दलीय ताल ठोकना लगभग तय माना जा रहा है।

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