Move to Jagran APP

Bihar: सारण शराब कांड में बड़ा खुलासा, मानवाधिकार आयोग का दावा-77 लोगों की हुई थी मौत; प्रशासन ने 42 ही बताया

Saran Hooch Tragedy मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जहरीली शराब से मरने वाले ज्यादातर आर्थिक रूप से कमजोर थे। इसके अलावा कहा गया कि जांच करने पहुंची टीम को राज्य सरकार से कोई सहयोग नहीं मिला।

By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiPublished: Fri, 24 Mar 2023 11:18 AM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2023 11:18 AM (IST)
Bihar: सारण शराब कांड में बड़ा खुलासा, मानवाधिकार आयोग का दावा-77 लोगों की हुई थी मौत; प्रशासन ने 42 ही बताया
सारण में जहरीली शराब से मौत को लेकर मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट

छपरा, जागरण संवाददाता। सारण में जहरीली शराब कांड (Saran Hooch Tragedy) की जांच करने बिहार पहुंची मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट ने राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन और उत्पाद विभाग की अकर्मण्यता को उजागर किया है। रिपोर्ट के अनुसार, सारण में जहरीली शराब से 77 लोगों की मौत हुई थी लेकिन प्रशासन ने 42 की ही मौत की पुष्टि की थी।

loksabha election banner

मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट से साफ हो गया है कि प्रशासन ने सारण शराब कांड के मौत का आंकड़ा छुपाया था। रिपोर्ट में बताया गया कि मरने वालों में किसान, मजदूर, ड्राइवर, चाय बेचने वाले, फेरीवाले और बेरोजगार थे।

इसके अलावा, पीड़ितों में 75 फिसदी पिछड़ी जातियों से थे। वहीं, रिपोर्ट में साफ कहा गया कि जांच करने पहुंची टीम को राज्य सरकार से कोई सहयोग नहीं मिला। पटना उच्च न्यायालय की टिप्पणी का जिक्र भी किया गया, जिसमें कोर्ट ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी कानून को लागू करने में सरकार की विफलता बताया था।

जहरीली शराब से मरने वाले ज्यादातर आर्थिक रूप से कमजोर थे। अधिकांश मृतक पीड़ित परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनमें से कुछ नियमित रूप से शराब का सेवन करते थे, तो कुछ कभी-कभार। परिवार के अधिकांश सदस्य यह जानते थे कि आवश्यकता पड़ने पर आसानी से स्थानीय क्षेत्र से शराब मिलती है।

सांसद रूडी ने सदन में उठाई थी टीम भेजने की मांग

सारण सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने सदन में केंद्रीय जांच टीम को बिहार भेजने की मांग उठाई थी। जिसके बाद जांच के लिए यह टीम सारण पहुंची थी।

प्रशासन सहित सरकार कटघरे में-रूडी

सांसद ने कहा कि वो शुरू से कहते आ रहे हैं कि राज्य सरकार जांच में असहयोग कर रही है। मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट ने उसे पुख्ता किया है। इसमें स्थानीय प्रशासन जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से लेकर राज्य सरकार तक कटघरे में खड़े नजर आते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.