चौथी बरसी पर गंडामन में मृत बच्चों को याद करके छलके आंसू
सारण। निवाले में जहर कांड में जान गंवाने वाले नवसृजित विद्यालय के 23 काल कवलित मासूम बच्चो
सारण।
निवाले में जहर कांड में जान गंवाने वाले नवसृजित विद्यालय के 23 काल कवलित मासूम बच्चों को जिला प्रशासन की ओर से डीएम हरिहर प्रसाद, एसपी अनुसूया रणसिह साहू सहित कई वरीय अधिकारियों एवं क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने घटना की चौथी बरसी पर श्रद्धांजलि दी। आज ही के दिन 3 वर्ष पूर्व 16 जुलाई, 2013 को प्रखंड के धर्मासती गंडामन गांव के सामुदायिक भवन में चल रहे प्राथमिक विद्यालय में जहरीले निवाले ने 23 मासूमों को निगल लिया था। छोटे-छोटे मासूम बच्चों की मौत का जो भयावह मंजर उस दिन दिखा था वो मध्याह्न भोजन योजना के इतिहास का सबसे काला अध्याय साबित हुआ।
गंडामन धर्मासती मिड डे मिल हादसे मे मृत 23 बच्चों की चौथी बरसी पर नव स्थापित प्राथमिक विद्यालय धर्मासती पर एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें डीएम हरिहर प्रसाद, एसपी अनुसूया रण¨सह साहू, एसडीओ संजय कुमार राय, एएसपी अशोक कुमार ¨सह, डीइओ सहित कई अन्य अधिकारी शामिल हुए । डीएम, एसपी, एएसपी आदि श्रद्धांजलि सभा मे शामिल हुए तथा हादसे के शिकार बच्चों के प्रति संवेदना व्यक्त की। इस दौरान असमय मौत के शिकार बने बच्चों की याद मे बने स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। मृत बच्चों की आत्मा की शांति के लिए संपन्न हो रहे हवन मे भी डीएम,एसपी आदि शामिल हुए और परिजनों को परिस्थितियों से सामंजस्य बनाने का आग्रह किया। इस मौके पर प्रदेश जदयू के नेता शैलेन्द्र प्रताप, प्रखंड जदयू अध्यक्ष रामाधार ¨सह, जिला महासचिव गौतम ¨सह भी श्रद्धाजली अर्पित किए।
जदयू नेता शैलेंद्र प्रताप ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
कैसे हुई थी घटना
प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई कर रहे मासूम बच्चे खाना मिलने का इंतजार कर रहे थे।
रसोईया ने एक बच्चे को स्कूल की प्रधानाध्यापिका मीना देवी के घर से सरसों तेल लाने को भेजा। सरसो तेल के डिब्बे के पास ही छिड़काव करने के लिए तैयार कीटनाशक लिक्विड रखा था। बच्चे ने तेल के बदले कीटनाशक का घोल ले जाकर दे दिया जो बिल्कुल सरसो तेल जैसा ही था। रसोइया जब सोयाबीन तलने लगी तो उसमें से झाग निकलने लगा उसने इसकी शिकायत मीना देवी से की,। मीना देवी ने ध्यान नहीं दिया। उसके बाद जब खाना बनकर तैयार हो
गया और बच्चों को परोसा गया तो बच्चों ने खाने का स्वाद खराब होने की शिकायत की तब मीना देवी ने बच्चों को डांटकर भगा दिया था। खाना खाने के बाद बच्चों को उल्टी और दस्त शुरू हो गया। इसके बाद
देखते ही देखते 23 बच्चों ने दम तोड़ दिया तो कई बच्चों की हालत खराब हो गई थी।
16 जुलाई 2013 को हुई थी घटना
एक रसोइया और 24 मासूम लंबे समय तक चले इलाज के बाद ठीक हुए थे। हादसे में अपने
इकलौते संतान आशीष को खोने वाले अखिलानंद मिश्र ने मशरक थाने में प्रधानाध्यापिका मीना देवी के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मीना को एसआइटी में शामिल महिला थानाध्यक्ष अमिता ¨सह को 23 जुलाई को गिरफ्तार करने में सफलता मिली थी। इसके बाद से ही मीना छपरा जेल में बंद थी। वहीं पिछले 24 जुलाई को एडीजे ने मीना के पति अर्जुन राय को साक्ष्य के
अभाव में बरी कर दिया था और एचएम को हादसे के लिए दोषी मानते हुए 29 अगस्त को सजा पर फैसले की तारीख तय की थी।
पहली गवाही हुई थी रामानंद राम की
बहुचर्चित मिड डे मील हादसे में छपरा कोर्ट में सबसे पहली गवाही रामानंद राम की हुई थी। रामानंद राम की बेटी काजल कुमारी की मौत इस हादसे में हो गई थी। कोर्ट में पहली गवाही देने आये रामानंद राम की
आंखों से उस समय आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहा था। बेटी को खोने का गम उनके चेहरे पर स्पष्ट तौर पर झलक रहा था। वहीं हादसे के सूचक अखिलानंद मिश्र का भी गला रुंध गया था। गवाही के बाद कोर्ट से निकलने पर कहा था कि दर्द ही जीवन का एकमात्र सहारा रह गया है। इकलौते पुत्र आशीष को खोने वाले अखिलानंद ने कहा था कि अब भी दर्द का मंजर साया-सा चिपका है। उन सबके लिए मंगल दिन अमंगल साबित हुआ था।
छपरा कोर्ट में अभियोजन पक्ष से 40 लोगों की गवाही हुई है। इनमें मृत बच्चों के अभिभावकों से लेकर बच्चों के पोस्टमार्टम व इलाज करने वाले चिकित्सक भी शामिल हैं। इनके अलावा एसआइटी मेंबर, रसोइया, एफएसएल के वैज्ञानिक व स्थानीय लोगों की भी गवाही अभियोजन पक्ष से कोर्ट में हुई।सबसे अंतिम गवाही गोपालगंज स्थित चीनी मिल के सहायक गन्ना विकास अधिकारी प्रदीप कुमार तिवारी की हुई थी।
पुलिस ने 62 लोगों का दर्ज किया था बयान:
मीना देवी व अर्जुन राय के खिलाफ एसआइटी ने 20 अक्टूबर, 2013 को छपरा सीजेएम कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल की थी। उसमें 62 लोगों का बयान दर्ज होने की बात कही गयी थी। रसोइया पन्ना देवी और मंजू कुंअर के अलावा मृत बच्चों के परिजनों और आसपास के कई ग्रामीणों का भी पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में बयान लिया था। पुलिस अफसरों से लेकर
स्वास्थ्यकर्मियों से भी एसआईटी ने कई राउंड में पूछताछ की थी।
एसआइटी भी नहीं पहुंची थी किसी नतीजे पर:
मध्याह्न भोजन हादसे की जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआइटी का गठन किया था। कोर्ट में एसआइटी ने जो जांच रिपोर्ट दी उसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं था। रिपोर्ट में यह बात कही नहीं है कि हादसा कैसे हुआ? इसके पीछे लापरवाही थी या साजिश, इसका खुलासा नहीं हुआ।
13 अप्रैल को मीना-अर्जुन ने किया था इंकार :
तारीख-पर तारीख व एडीजे कोर्ट से लेकर सीजेएम कोर्ट तक पुलिस अभिरक्षा में जेल से आने वाली मीना व उनके पति अर्जुन राय ने इस साल 13 अप्रैल को एडीजे कोर्ट में हादसे में शामिल होने से पूरी तरह से इंकार कर दिया था। पति-पत्नी ने हादसे को
दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा था कि वे बच्चों को भगवान मानते हैं।
सोशल साइट पर छाया हादसा:
मिडे मील खाने से 23 बच्चों की मौत की घटना के दोषी एचएम की मीना देवी को छपरा व्यवहार न्यायालय के एडीजे-2 विजय आनंद
तिवारी द्वारा 17 साल के कारावास की सजा सुनाने के बाद गंडामन की घटना एक बाद फिर देश दुनिया के सोशल साइट पर सुर्खियों में छा गई।
इस घटना के बाद भारत में तो मिड डे मील योजना के लिए नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज ने विभिन्न राज्यों में इसपर अध्ययन शुरू कर दिया। इसकी रिपोर्ट भी केंद्र सरकार को सौंपी जा चुकी है,। जिसपर धीरे -धीरे अमल भी किया जा रहा है। जिसके तहत मिड डे मिल के सुधार के लिए कई योजना भी शुरू कर दिया गया है।
सारण में मिड डे मील हादसा एक नजर में :
16 जुलाई 2013: सारण के मशरक के गंडामन स्कूल में विषाक्त मध्याह्न भोजन से तबीयत बिगड़ी, एक-एक कर 23 बच्चों की मौत
16 जुलाई 2013: मृत बच्चे शिवा के पिता अखिलानंद मिश्रा ने दर्ज कराई प्राथमिकी
20 जुलाई 2013: छपरा सीजेएम कोर्ट से स्कूल की प्रधानाध्यापिका मीना देवी व अर्जुन राय पर गिरफ्तारी वारंट जारी
23 जुलाई 2013: मीना देवी को पुलिस ने गिरफ्तार किया
09 सितंबर 2013: मीना देवी के पति अर्जुन राय का कोर्ट में सरेंडर
20 अक्टूबर 2013: सीजेएम कोर्ट में पुलिस ने चार्जशीट सौंपी
03 सितम्बर 2014: पटना हाई कोर्ट से मीना देवी की जमानत अस्वीकार
09 जनवरी 2015 : छपरा कोर्ट में आरोप गठन
07 मई 2016 : छपरा कोर्ट में सफाई साक्ष्य बंद
24 अगस्त 2014 : छपरा कोर्ट में मीना देवी दोषी करार, पति अर्जुन की रिहाई का आदेश
3 जुलाई 2017 : पटना उच्च न्यायालय स मीना देवी को मिली जमानत
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