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    Kisan Registery: यूनिक डिजिटल ID करेगी किसानों का काम आसान, मिलेगा केंद्रीय योजनाओं का लाभ; जानें कैसे

    Updated: Mon, 28 Apr 2025 12:23 PM (IST)

    किसी भी योजना का लाभ उठाने के लिए किसान अब जमीन के कागजात लेकर बैंक नहीं जाना पड़ेगा। अब किसान डिजिटल जमीन आइडी कार्ड की मदद से बैंक ऋण बीमा योजना या किसी भी सरकारी योजना का लाभ उठा सकते हैं। भारत सरकार ने डिजिटल जमीन आइडी कार्ड बनाने की पहल शुरू कर दी है। हर गांव में कृषि समन्वयक और कर्मी कैंप लगाकर किसानों का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं।

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    जिले में किसानों को मिलेगा डिजिटल जमीन आइडी कार्ड

    प्रवीण, छपरा। किसानों के लिए एक राहत भरी खबर है। अब बैंक ऋण, बीमा योजना या किसी भी सरकारी योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपनी जमीन के कागजात को लेकर दफ्तरों और बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। भारत सरकार ने किसानों के लिए डिजिटल जमीन आइडी कार्ड बनाने की पहल शुरू कर दी है।

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    इस कार्ड के माध्यम से किसान अपनी जमीन से संबंधित सारी जानकारी एक क्लिक में ऑनलाइन देख सकेंगे। इस दिशा में जिले के सभी 20 प्रखंडों में किसान रजिस्ट्री का काम तेजी से चल रहा है।

    पायलट प्रोजेक्ट के तहत, किसानों की जमीन के दस्तावेजों को आधार कार्ड से लिंक कर एक यूनिक आइडी नंबर जारी किया जाएगा। इस आइडी के माध्यम से किसान कहीं से भी अपनी जमीन की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और सरकारी योजनाओं का लाभ बिना अतिरिक्त कागजी कार्रवाई के ले सकेंगे।

    ऐसे होगी किसान रजिस्ट्री

    हर ग्राम पंचायत में कृषि समन्वयक और कर्मी कैंप लगाकर किसानों का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। जिन किसानों के नाम पर जमीन की जमाबंदी है, उनसे जरूरी कागजात लेकर ऑनलाइन एंट्री की जा रही है। इसके बाद किसानों की डिटेल्स सत्यापित कर यूनिक आइडी जनरेट किया जा रहा है।

    यह आइडी उनके आधार नंबर से लिंक होगी। अगर किसी किसान के नाम पर कई जगहों पर जमीनें दर्ज हैं तो सभी जमाबंदी का विवरण इस एक आइडी में दर्ज कर दिया जाएगा।

    किसान आधार कार्ड और जमीन के दस्तावेज अपने कृषि सलाहकार को सौंपने होंगे, जो उसे ऑनलाइन अपलोड करेंगे। रजिस्ट्रेशन के बाद किसानों को एक फोटोयुक्त आइडी कार्ड दिया जाएगा।

    अब नहीं पड़ेगी दस्तावेज ले जाने की जरूरत

    किसी भी योजना का लाभ उठाने के लिए किसान अब जमीन के कागजात लेकर ब्लॉक या बैंक नहीं जाएंगे। संबंधित विभागों को केवल आइडी नंबर देना होगा। इस आइडी नंबर के माध्यम से विभाग किसान की सारी जमीन की जानकारी आनलाइन देख सकेगा और किसानों को योजना का लाभ मिलेगा।

    सभी किसानों का होगा रजिस्ट्रेशन

    पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले के लगभग पांच लाख पांच किसान जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे हैं, पहले उन किसानों का रजिस्ट्री किया जाना है। इसके बाद अन्य सभी किसानों का किसान रजिस्ट्री की जाएगी।

    अब तक लगभग 200 राजस्व ग्रामों के 400 से अधिक किसानों का पंजीकरण कर आइडी कार्ड जारी कर दिया गया है। वहीं सैकड़ों किसानों के दस्तावेज आनलाइन अपलोड किए जा चुके हैं, जिनके आइडी कार्ड तैयार किए जा रहे हैं।

    किसान रजिस्ट्री योजना के तहत आइडी कार्ड बनाने के लिए किसानों को कुछ जरूरी दस्तावेज देने होंगे

    1. आधार कार्ड : पहचान और आधार लिंकिंग के लिए।

    2. जमाबंदी प्रमाण पत्र / जमीन का कागजात : जमीन का स्वामित्व साबित करने के लिए (जिसमें खाता संख्या, प्लाट संख्या आदि लिखा हो)।

    3. पासपोर्ट साइज फोटो : डिजिटल आईडी कार्ड में लगाने के लिए।

    4. मोबाइल नंबर : जो आधार से लिंक हो और किसान से संपर्क के लिए काम आए।

    इसके बनने से होंगे कई फायदे

    दफ्तरों के चक्कर खत्म होंगे

    किसानों को हर योजना या बैंक लोन के लिए बार-बार अपने जमीन के कागजात लेकर नहीं जाना पड़ेगा। सिर्फ आइडी नंबर देने से अधिकारी खुद सारी जानकारी ऑनलाइन देख सकेंगे।

    सरकारी योजनाओं का लाभ लेना आसान होगा

    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, अनुदान पर खाद-बीज वितरण जैसी योजनाओं का फायदा जल्दी और बिना परेशानी मिलेगा।

    पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार घटेगा

    दस्तावेजों की फिजिकल जांच की जगह ऑनलाइन वेरिफिकेशन होगा, जिससे कोई फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेगा। गलत तरीके से किसी और के नाम पर लाभ लेने की घटनाएं रुकेंगी।

    जमीन विवाद कम होंगे

    जमीन का पूरा रिकॉर्ड एक जगह रहेगा, इसलिए स्वामित्व को लेकर भ्रम और विवादों में कमी आएगी। कई प्लाट या खातों के रिकॉर्ड एक ही आइडी में जोड़ दिए जाएंगे।

    समय और खर्च दोनों की बचत

    किसानों को न तो बार-बार कागजात बनवाने पड़ेंगे, न ही एजेंटों या दलालों को पैसे देने पड़ेंगे। गांव से ही अपने मोबाइल या साइबर कैफे के जरिए काम हो जाएगा।

    आने वाले समय में जमीन का डिजिटल प्रबंधन

    भविष्य में इस डेटा के आधार पर किसानों के लिए जमीन खरीद-बिक्री भी ऑनलाइन और सुरक्षित तरीके से हो सकेगी।

    किसान रजिस्ट्री का कार्य जिले के सभी प्रखंडों में चल रहा है। अब तक लगभग 400 किसानों की सफलतापूर्वक किसान रजिस्ट्री की जा चुकी बहा। उन्हें यूनिक आइडी कार्ड जारी कर दिया गया है। शुरुआत में किसान सम्मान निधि का लाभ लेने वाले किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। जिनके नाम पर जमीन की जमाबंदी प्रमाण पत्र होगा, उनका ही किसान रजिस्ट्री किया जाएगा।

    श्याम बिहारी सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी, सारण

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