Bihar News: केंद्र सरकार से इस काम के लिए नहीं मिली राशि, बिहार पर 3500 करोड़ रुपये हुआ उधार; निर्माण कार्य ठप
बिहार को केंद्र सरकार से मनरेगा (महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम) के सामग्री मद में 3500 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। धन की कमी के कारण कई जगहों पर काम प्रभावित हो रहा है या रुक गया है। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान दिलाया है जिससे बिहार में मनरेगा कार्य बाधित हो रहा है।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार का केंद्र सरकार पर मनरेगा (महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम) के सामग्री मद का 3500 करोड़ रुपये से अधिक उधार हो गया है।
राशि के अभाव में अब कहीं काम प्रभावित होने लगा है तो कहीं कार्य ठप हो गया है। राशि समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2024-2025 की है।
इसे लेकर बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने गत दिनों केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा था। मंत्री ने राशि के अभाव में मनरेगा का काम ठप होने की ओर भी केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था।
साथ ही मनरेगा में बिहार की उपलब्धियां भी गिनाई थी। उल्लेखनीय है कि मनरेगा के माध्यम से पक्का काम के लिए सामग्री में मद केंद्र सरकार टिकाऊ संपत्तियां (जैसे कि सड़कें, पुल, बांध आदि) बनाने की स्वीकृति देती है।
इस योजना के तहत, विभिन्न प्रकार के काम किए जाते हैं, जैसे कि तालाब किनारे सीढि़यों का निर्माण आदि भी सम्मिलित है। मनरेगा में पिछले वर्ष सितंबर से ही भुगतान बंद है।
रिकॉर्ड 25 करोड़ मानव दिवस हुआ सृजित
राज्यभर में बीते वित्तीय वर्ष 2024-25 में रिकार्ड 25 करोड़ दिवस का सृृजन हुआ है। इसकी डाटा भी इंट्री हो चुकी है।
मनरेगा से काम देने में गया जिला सबसे आगे है। वहीं, पूर्वी, चंपारण, रोहतास और समस्तीपुर में एक करोड़ से अधिक मानव दिवस का सृजन हुआ है। बीते वित्तीय वर्ष राज्य में 17 करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य था।
सारण व शिवहर में कम मिला काम
अरवल में 19 लाख से अधिक, बेगूसराय में 39 लाख भोजपुर में 42 लाख, गोपालगंज में 35 लाख, जहानाबाद में 33 लाख, सारण में 17 लाख, शिवहर में 17 लाख से अधिक काम मिला है। इन जिलों में भी लक्ष्य से अधिक काम मिला है।
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