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    छपरा अंगीठी हादसा: तीन मासूमों को एक साथ दी गई अंतिम विदाई, सबकी आंखें हुईं नम

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 09:42 PM (IST)

    छपरा में एक दर्दनाक हादसे के बाद शनिवार देर रात तीन मासूम बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया। इनमें 7 माह की अद्या, 3.5 वर्षीय तेजांस और 11 माह की गुड़ि ...और पढ़ें

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    रोते-बिलखते परिजन। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, छपरा। शहर को गहरे शोक में डूबो देने वाले दर्दनाक हादसे के बाद शनिवार की देर रात आंसुओं और सिसकियों के बीच तीन नाबालिग बच्चों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

    हादसे में जान गंवाने वाले मासूमों के शोकसंतप्त स्वजनों विजय सिंह ने अपने दोनों बच्चों एवं दीपक सिंह ने अपनी बेटी का शव सदर अस्पताल से आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी कर प्राप्त किए।

    इस दौरान अस्पताल परिसर से लेकर घाट तक हर चेहरा गमगीन नजर आया। दो बच्चों को खोने वाले पिता विजय सिंह फफक-फफक कर रो रहे थे। उनको तो लग रहा है कि मानो उनकी जिंदगी ही खत्म ही हो गई है।

    नगर थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर निवासी दीपक सिंह की सात माह की मासूम बेटी अद्या तथा बक्सर जिला निवासी विजय सिंह के साढ़े तीन वर्षीय पुत्र तेजांस और 11 माह की पुत्री गुड़िया का अंतिम संस्कार एक साथ किया गया।

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    तीनों नाबालिग बच्चों की अर्थियां शहर के दक्षिणी इलाके स्थित नेवाजी टोला दियारा क्षेत्र में सरयू नदी के घाट तक लाई गईं, जहां स्वजनों ने कांपते हाथों से उन्हें अंतिम विदाई दी।

    जिन नन्हे हाथों में खिलौने होने चाहिए थे और जिन आंखों में सपनों की दुनिया बसनी थी, उन मासूमों की असमय मौत ने पूरे मोहल्ले को स्तब्ध कर दिया। हादसे के बाद बच्चों के घरों में चूल्हे नहीं जले और आसपास की गलियों में सन्नाटा पसरा रहा।

    पड़ोसी, रिश्तेदार और परिचित लोग परिवारों को ढांढस बंधाने पहुंचे, लेकिन घर मे मौजूद लोगों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।

    बुजुर्ग महिला का भी किया गया अंतिम संस्कार

    इसी हादसे में जान गंवाने वाली स्वर्गीय रामलखन सिंह की 70 वर्षीय पत्नी कमलावती देवी का अंतिम संस्कार रिविलगंज के सेमरिया मुक्तिधाम घाट पर रविवार को किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में स्वजन, रिश्तेदारों के साथ बड़ी संख्या में शुभचिंतक शामिल हुए।

    मुक्तिधाम घाट पर मौजूद लोग मृतका के पुत्र संजय शर्मा उर्फ मंटू को सांत्वना देते नजर आए। मुखाग्नि देने के बाद संजय खुद को संभाल नहीं पाए और फूट-फूट कर रो पड़े। मां को खोने का गम उनके लिए असहनीय साबित हो रहा था, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल था।

    हादसे के बाद पूरे इलाके में मातमी वीरानी छा गई है। लोग इस त्रासदी को याद कर सिहर उठते हैं और एक ही हादसे में उजड़ गए कई परिवारों को देख आंखें नम हो जाती हैं।

    मासूम बच्चों की असमय मौत और बुजुर्ग महिला के निधन ने छपरा शहर के संवेदनशील मन को झकझोर कर रख दिया है। शोकाकुल परिवारों के साथ खड़े होकर लोग ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और परिजनों को इस असहनीय दुख को सहने की शक्ति देने की प्रार्थना कर रहे हैं।

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