तेज रफ्तार और हाईवे पर खड़े वाहन बन रहे सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह
बिहार के सारण जिले में तेज रफ्तार और हाईवे पर खड़े वाहन सड़क हादसों का मुख्य कारण बन रहे हैं। इन कारणों से लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिससे जान-माल ...और पढ़ें

सड़क दुर्घटना
जागरण संवाददाता, छपरा, सारण। सारण जिले में सड़क दुर्घटनाएं अब केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रह गई हैं, बल्कि यह गंभीर सामाजिक और प्रशासनिक चुनौती बन चुकी हैं। वर्ष 2022 से 2025 तक के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि सड़क सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदम अपेक्षित असर नहीं दिखा सके। नतीजा यह है कि हर साल सैकड़ों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा रहे हैं और बड़ी संख्या में लोग गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं।
जिला प्रशासन ने दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए समय-समय पर कई कदम उठाए। नियमित वाहन जांच अभियान, तेज रफ्तार वाहनों पर कार्रवाई, नेशनल और स्टेट हाईवे पर ऑटोमेटिक चालान मशीनों की स्थापना, टोल प्लाजा पर स्पीड ट्रैकर और बिना हेलमेट वाहन चालकों पर जुर्माना लगाए जाने जैसी पहल की गई। इसके अलावा प्रमुख चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी भी शुरू की गई। बावजूद इसके सड़क हादसों की संख्या में कोई ठोस कमी नहीं आई, जिससे प्रशासनिक प्रयासों की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि हादसों की सबसे बड़ी वजह तेज रफ्तार और लापरवाह वाहन संचालन है। इसके साथ ही एक गंभीर समस्या हाईवे पर खड़े वाहन भी हैं। जिले के लगभग सभी राष्ट्रीय और राज्य हाईवे पर ट्रक, बस और अन्य भारी वाहन सफेद लाइन के भीतर खड़े रहते हैं। विशेषकर लाइन होटल, ढाबा और पेट्रोल पंप के आसपास यह आम दृश्य बन गया है।
सर्दियों में घना कोहरा स्थिति और जानलेवा बना देता है। दृश्यता बेहद कम होने के कारण वाहन चालक अक्सर सड़क किनारे खड़े वाहन को समय पर नहीं देख पाते और तेज रफ्तार में टकरा जाते हैं। व्हाइट लाइन के भीतर खड़े होने के कारण चालक को ब्रेक लगाने या नियंत्रण हासिल करने का समय नहीं मिलता, जिससे मौके पर मौत या गंभीर चोटें होती हैं।
सड़क सुरक्षा नियमों के अनुसार हाईवे पर इस तरह से वाहन खड़ा करना प्रतिबंधित है, लेकिन व्यवहार में इसका पालन नहीं हो रहा है। स्थानीय लोग और विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि कोहरे के मौसम में हाईवे किनारे खड़े वाहनों पर सख्ती, नियमित गश्त, अलग पार्किंग स्थल, रिफ्लेक्टर और चेतावनी संकेतों की व्यवस्था से कई हादसों को रोका जा सकता है।
वर्ष 2022 से 2025 तक सारण जिले में दुर्घटनाओं का आंकड़ा
- 2022: कुल 547 दुर्घटनाएं, मृतक 441, घायल 319
- 2023: कुल 496, मृतक 390, घायल 237
- 2024: कुल 575, मृतक 430, घायल 219
- वर्ष 2025 (जनवरी से नवंबर): कुल 507 दुर्घटनाएं, मृतक 385, घायल 267
सारण जिले में सड़क सुरक्षा सुधार की दिशा में प्रशासन के प्रयास लगातार जारी हैं, लेकिन ठोस और निरंतर नीति तथा निगरानी के अभाव में हालात जस के तस बने हुए हैं।

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