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बिहार के इस आतंकी को मिली फांसी, मोदी की हत्या की भी रची थी साजिश

बिहार के समस्तीपुर निवासी आइएम आतंकी तहसीन अख्तर को हैदराबाद की अदालत ने सजा-ए-मौत दी है। उसने बिहार के पटना में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश भी रची थी।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 20 Dec 2016 07:03 AM (IST)Updated: Tue, 20 Dec 2016 10:07 PM (IST)
बिहार के इस आतंकी को मिली फांसी, मोदी की हत्या की भी रची थी साजिश

पटना [जेएनएन]। साल 2013 के हैदराबाद ब्लास्ट में इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के आंतकी यासीन भटकल व तहसीन अख्तर उर्फ मोनू समेत पांच आतंकेयों को कोर्ट ने सजा-ए-मौत दी है। भटकल व तहसीन, दोनों बिहार के समस्तीपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। मौत की सजा मिलने के बाद समस्तीपुर के कल्याणपुर स्थित मनियारपुर गांव में तहसीन अख्तर के घर तथा ताजपुर स्थित भटकल की ससुराल में सन्नाटा पसरा है।

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देश में यह पहला मामला है जब प्रतिबंधित संगठन आइएम के किसी सदस्य को आतंकवादी घटना में दोषी पाया गया है। सजा पाए आतंकियों में शामिल बिहार के तहसीन अख्तर ने 27 सितंबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री व वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश भी रची थी। हैरत की बात तो यह है कि मोदी की उस चुनावी रैली के सीरियल ब्लास्ट के मास्टरमाइंड के खिलाफ अभी तक चार्जशीट तक दाखिल नहीं हो सका है।

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तीन साल बाद भी चार्जशीट नहीं

पटना के गांधी मैदान में हुए ब्लास्ट के तीन साल गुजर चुके हैं, लेकिन इस मामले में अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की जा सकी है। दूसरी ओर उसी साल हुए हैदराबाद ब्लास्ट में दोषियों को मौत की सजा तक सुनाई जा चुकी है। गांधी मैदान ब्लास्ट में आइएम के 11 आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है, लेकिन इनमें तहसीन का नाम शामिल नहीं है। उसके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की जानी है।

नेपाल बॉर्डर से हुई थी गिरफ्तारी

विदित हो कि तहसीन को 2014 में नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था। भटकल को भी पूर्वी चंपारण पुलिस ने अगस्त 2013 में बिहार-नेपाल बॉर्डर पर से ही पकड़ा था।

तहसीन के चाचा बोले, न्यायपालिका पर पूरा भरोसा

बहरहाल, मौत की सजा पाए तहसीन के चाचा व जदयू के पूर्व जिला महासचिव (समस्तीपुर) तकी अख्तर के अनुसार तहसीन को फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायालय और संविधान पर पूरा भरोसा है। उम्मीद है कि उपरी अदालत में न्याय मिलेगा।


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