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    राज्य में 102 एंबुलेंस सेवा के इस्तेमाल में समस्तीपुर दूसरे पायदान पर

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 26 Jul 2018 11:32 PM (IST)

    मरीजों को 102 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने हेतु जिला स्वास्थ्य समिति ने प्रशंसनीय कार्य किया है। ...और पढ़ें

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    राज्य में 102 एंबुलेंस सेवा के इस्तेमाल में समस्तीपुर दूसरे पायदान पर

    समस्तीपुर । मरीजों को 102 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने हेतु जिला स्वास्थ्य समिति ने प्रशंसनीय कार्य किया है। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति ने कार्य की प्रशंसा की है। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जून में प्रति एंबुलेंस प्रति दिन कुल ट्रिप के मामले में समस्तीपुर जिला ने राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। जबकि, बेगूसराय जिला प्रथम स्थान पर रहा है। इस सराहनीय कार्य के लिए जिला स्वास्थ्य समिति को प्रशस्ति पत्र दिया गया है। स्वास्थ्य संस्थानों में 102 एंबुलेंस सेवा बेहतर ढ़ंग से कार्य करना शुरू कर दिया है। एंबुलेंस सेवा के इस्तेमाल में समस्तीपुर जिला ने सूबे में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव कराने के मामले में राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति को द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर प्रशस्ति पत्र भेजा गया है। जून महीने में राज्य में संस्थागत प्रसव में दूसरा स्थान प्राप्त करने पर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक लोकेश कुमार ¨सह ने प्रशस्ति पत्र भेजकर कार्य की सराहना की है। जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार द्वारा स्वयं राज्य में 102 एंबुलेंस सेवा को लेकर प्रत्येक दिन मॉनिट¨रग करते हैं। इसके लिए वाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है। जिस पर प्रत्येक दिन राज्य के सभी जिलों से संस्थागत प्रसव को लेकर रिपोर्टिग की जाती है।

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    37 एंबुलेंस के माध्यम से मरीजों को मिल रही सुविधा

    सदर अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य स्तर तक 102 एंबुलेंस की संख्या 37 है। इसमें 35 मरीजों के लिए और दो शव वाहन के रुप में प्रयोग किए जा रहे है। एंबुलेंस की मॉनिट¨रग का जिम्मा जिले में एंबुलेंस प्रबंधक राघवेंद्र कुमार को दिया गया है। प्रबंधक द्वारा बेहतर मॉनिट¨रग की वजह से मरीजों को हर संभव बेहतर सुविधा मिल रही है। जिससे प्रत्येक दिन एक सौ प्रसव ऐसे हो रहे हैं। गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल लाया जाता है। जहां पर प्रसव के उपरांत उन्हें एंबुलेंस से ही घर पहुंचाया जाता है। जबकि, 50 से अधिक प्रसूता संस्थागत प्रसव के लिए स्वयं की सुविधा से स्वास्थ्य संस्थान में पहुंच रही है।

    सदर अस्पताल में प्राइवेट एंबुलेंस का लगता है जमावड़ा

    सदर अस्पताल में सरकारी एंबुलेंस के साथ-साथ प्राइवेट एंबुलेंस का भी जमावड़ा लगता है। लेकिन, स्वास्थ्य प्रशासन इस पर रोक लगाने में पूरी तरह असफल साबित हो रहा है। प्राइवेट एंबुलेंस के संचालक और ड्राइवर द्वारा अस्पताल के कर्मियों की मिलीभगत से लंबे समय से खेल चल रहा है। प्राइवेट एंबुलेंस द्वारा मरीजों से अत्यधिक राशि वसूल की जाती है। इसके अलावा कुछ मरीजों को पटना ले जाने के दौरान बहला फुसला कर पीएमसीएच के बजाए निजी अस्पतालों में ही भर्ती करा दिया जाता है। इसके एवज में प्राइवेट एंबुलेंस के ड्राइवर को उक्त अस्पताल से मोटी रकम भी मिलती है।