Updated: Mon, 29 Sep 2025 09:10 AM (IST)
मुख्यमंत्री सहायता भत्ता योजना का विस्तार किया गया है। अब स्नातक पास बेरोजगार युवा भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे पहले यह योजना केवल इंटर पास युवाओं के लिए थी। सरकार 4 अक्टूबर को पहली किस्त जारी करेगी। इस योजना के तहत युवाओं को रोजगार तलाशने के लिए प्रति माह ₹1000 की सहायता राशि मिलेगी साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। मुख्यमंत्री सहायता भत्ता का लाभ अब स्नातक पास बेरोजगारों को भी मिलेगा। अब तक इस योजना में केवल इंटर पास अभ्यर्थी की ही पात्रता थी, लेकिन सरकार ने नन टेक्निकल विषयों से स्नातक पास करने वाले को भी योजना का लाभ देने का नया प्रविधान किया है। इससे अब अधिक से अधिक युवा उक्त योजना से लाभान्वित होंगे। साथ ही योजना का लक्ष्य भी आसानी से पूर्ण हो सकेगा।
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बताया गया कि 4 अक्टूबर को इसकी पहली किस्त जारी की जाएगी। विभाग इसके लिए आवश्यक तैयारियों में जुटा है। पटना में कार्यक्रम होगा। वहां जिले से चयनित युवाओं की भी भागीदारी होगी। अब तक योजना के लिए दो युवाओं की सभी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। साथ ही नए आवेदन भी लिए जा रहे। विभाग इसके लिए लगातार जागरूकता कार्यक्रम भी चला रही।
तेजी से इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा, ताकि चार अक्टूबर से पूर्व अधिक से अधिक बेरोजगार युवाओं की सभी प्रक्रिया पूरी की जा सके। मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का लाभ वैसे बेरोजगार युवा उठा सकते है, जो स्नातक या इंटर की पढ़ाई पूरी कर रोजगार की तलाश की तलाश में जुटी है। साथ ही वे उच्चतर शिक्षा प्राप्त नहीं कर रहे हो। अभ्यर्थी की उम्र 20 से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए। साथ ही बिहार राज्य का स्थायी निवासी हो।
बताया गया कि योग्य अभ्यर्थी उक्त योजना के लिए जिला निबंधन केंद एवं परामर्श केंद्र के माध्यम से योजना का आवेदन कर सकते है। इसके लिए उन्हें दसवीं और बारहवीं या समकक्ष का प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक खाता और एक फोटो के साथ आवेदन करना होगा। युवाओं को रोजगार तलाशने के लिए प्रत्येक माह एक-एक हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
साथ ही उन्हें श्रम विभाग की तरफ से कौशल विकास का प्रशिक्षण आदि भी दिया जाएगा। पहले यह केवल इंटर पास के लिए थी, लेकिन अभ्यर्थियों की कम संख्या को देखते हुए इसे अब नन टेक्निकल स्नातक पास के लिए शुरू किया गया है।
तेजी से किया जा रहा प्रचार प्रसार:
योजना का डीआरसीसी के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जा रहा। गांव गांव में लोगो को जागरूक किया जा रहा। डीआरसीसी के पदाधिकारी इसको लेकर लगातार प्रयासरत है। लेकिन, बाद भी बेरोजगार युवा इस योजना का लाभ लेने में पीछे रह रहे।
बताया गया कि सरकार की कोशिश है कि योजना के तहत बेरोजगार को रोजगार खोजने में सहायता उपलब्ध कराना है। योजना के तहत भत्ता देने के साथ ही बेरोजगार को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा। ताकि, उनके रोजगार की समुचित व्यवस्था हो सके।
कम रह रही थी अभ्यर्थियों की संख्या:
इंटर पास को केवल योजना के तहत लाभ दिए जाने से अभ्यर्थियों की संख्या कम रह रही थी। प्रत्येक वर्ष लक्ष्य भी पूर्ण नहीं हो पा रहा था। सरकारी की महत्वाकांक्षी योजना होने के बाद भी चालू वित्तीय वर्ष में जुलाई माह तक 8939 लक्ष्य के अनुरूप महज 364 प्राप्त हुए थे। इसमें 360 आवेदन की स्वीकृति दी गई है।
बताया गया कि वर्ष 2016 में योजना की शुरुआत की गई। अब तक इस योजना में 15820 (20362) बेरोजगार के आवेदन को स्वीकृति प्रदान की गई। 16338 स्वीकृति मिलने बाद सभी को स्वयं सहायता भत्ता दिया जा रहा है। जबकि इसके लिए करीब 23 हजार युवाओं ने अपना आवेदन किया था।
श्रम विभाग से प्रशिक्षण:
रोजगार की तलाश करने वाले इन बेरोजगार युवाओं को सरकार हर संभव मदद का प्रयास करती है। इन्हें श्रम संसाधन विभाग द्वारा संचालित निशुल्क तीन माह में 120 घंटे बुनियादी कम्प्यूटर ज्ञान एवं 80 घंटे भाषा और 40 घंटे संवाद कौशल का प्रशिक्षण भी दिया जाता है, ताकि वह अपना रोजगार आसानी से प्राप्त कर सकें।
सामान्य विषयों से स्नातक करने वाले बेरोजगार युवाओं को भी योजना से लाभान्वित किया जाएगा। इसके लिए आवेदन शुरू किया गया है। पहले यह केवल इंटर पास बेरोजगार युवाओं को ही दिया जा रहा था। योजना का प्रचार प्रसार किया जा रहा। बेरोजगार युवाओं को आवश्यक सहयोग और भत्ता मुहैया कराई जाती है। - संध्या कुमारी, प्रबंधक, डीआरसीसी
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