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    ट्रेनों की तकनीकी खामियों पर सख्ती, समस्तीपुर मंडल में 15 दिन का विशेष संरक्षा अभियान

    By Manish Kumar Roy Edited By: Ajit kumar
    Updated: Tue, 30 Dec 2025 08:01 PM (IST)

    समस्तीपुर मंडल में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 15 दिवसीय विशेष संरक्षा अभियान शुरू हुआ है। इसमें वंदे भारत, नमो भारत, अमृत भारत सहित सभ ...और पढ़ें

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। Samastipur Division Railway: यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए समस्तीपुर रेल मंडल में कोचिंग स्टॉक की संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 15 दिन का विशेष सघन संरक्षा अभियान शुरू किया गया है।

    इस अभियान के तहत ट्रेनों में मौजूद संभावित तकनीकी खामियों की पहचान कर उनका त्वरित निराकरण किया जा रहा है, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना की आशंका को समय रहते रोका जा सके। 

    अभियान के दौरान एलएचबी और आईसीएफ कोचों के साथ-साथ वंदे भारत एक्सप्रेस, नमो भारत एक्सप्रेस, अमृत भारत एक्सप्रेस, इसके अलावा मेमू और डेमू ट्रेनों के कोचों की गहन तकनीकी जांच की जा रही है। 

    अंडरगियर और ब्रेक सिस्टम पर खास फोकस 

    रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस विशेष अभियान का मुख्य उद्देश्य कोचों के अंडरगियर परीक्षण, ट्रेन पार्टिंग जैसी घटनाओं की रोकथाम और अग्नि सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाना है। पिटलाइन और सिकलाइन पर कोचों की जांच के दौरान बोगी, अंडरफ्रेम, फास्टनर्स, पाइप और ज्वाइंट्स की मानक प्रक्रिया के अनुसार बारीकी से जांच की जा रही है। 

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    इसके साथ ही वेल्डिंग क्रैक, जंग, फास्टनर्स की कसावट, एक्सल बॉक्स, सस्पेंशन सिस्टम, एयर स्प्रिंग, एयर ब्रेक और डब्ल्यूएसपी सिस्टम की स्थिति की विशेष रूप से समीक्षा की जा रही है। जांच में असुरक्षित पाए जाने वाले कोचों को तत्काल परिचालन से हटा दिया जा रहा है। 

    ट्रेन पार्टिंग रोकने पर भी जोर 

    ट्रेन पार्टिंग की घटनाओं को रोकने के लिए पारंपरिक कोचों में स्क्रू कपलिंग की कसावट और थ्रेड्स की स्थिति की जांच की जा रही है। वहीं एलएचबी कोचों में सीबीसी कपलर की लॉकिंग व्यवस्था, स्टिफनर प्लेट और माउंटिंग बोल्ट्स की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 

    वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों में लगे सेमी-ऑटोमैटिक और सेमी-परमानेंट कपलर्स की सही सेटिंग और टॉर्क मार्किंग की भी जांच की जा रही है। 

    अग्नि सुरक्षा को लेकर सतर्कता 

    कोचों में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की भी गहन समीक्षा की जा रही है। पैंट्री कार और पावर कार में फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम तथा अन्य कोचों में फायर और स्मोक डिटेक्शन सिस्टम की कार्यशीलता जांची जा रही है।

    इसके अलावा बैटरियों की स्थिति, अग्निशामक यंत्रों की उपलब्धता और उनकी वैधता भी सुनिश्चित की जा रही है। ज्वलनशील और विस्फोटक पदार्थों के अवैध परिवहन पर रोक लगाने के लिए आरपीएफ और वाणिज्य विभाग द्वारा संयुक्त जांच अभियान भी चलाया जा रहा है। 

    वरिष्ठ अधिकारी कर रहे निरीक्षण 

    अभियान के दौरान मंडल और मुख्यालय स्तर के वरिष्ठ अधिकारी विभिन्न मेल, एक्सप्रेस, वंदे भारत, अमृत भारत, मेमू और डेमू ट्रेनों का निरीक्षण कर रहे हैं, ताकि संरक्षा से जुड़ी किसी भी कमी को समय रहते दूर किया जा सके।

     

    मंडल रेल प्रबंधक ज्योति प्रकाश मिश्रा ने कहा कि यात्रियों की संरक्षा भारतीय रेल की सर्वोच्च प्राथमिकता है। 15 दिवसीय इस विशेष संरक्षा अभियान के माध्यम से कोचिंग स्टॉक की सूक्ष्म जांच कर संभावित जोखिमों की पहचान और उनका त्वरित समाधान किया जा रहा है। इससे ट्रेन संचालन को और अधिक सुरक्षित, भरोसेमंद और संरक्षा मानकों के अनुरूप बनाया जा सकेगा।