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    Samastipur News: ट्रेनों की सफाई में पानी की बर्बादी रोकेगा रेलवे, इन स्टेशनों पर लगेंगे पुनर्चक्रण संयंत्र

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 11:33 AM (IST)

    समस्तीपुर रेल मंडल में ट्रेनों की सफाई में पानी की बर्बादी रोकने के लिए जल पुनर्चक्रण संयंत्र लगाए जाएंगे। समस्तीपुर जयनगर रक्सौल और सहरसा स्टेशनों पर 500 केएलडी क्षमता वाले संयंत्र स्थापित होंगे। इससे प्रतिदिन 1.20 लाख लीटर पानी रिसाइकिल होगा जिसका उपयोग बोगियों की सफाई और सिंचाई में किया जाएगा। इस पहल से पर्यावरण संरक्षण और रेलवे की वित्तीय बचत होगी।

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    ट्रेनों की सफाई में पानी की बर्बादी रोकेगा रेलवे। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। रेलवे अब ट्रेनों की सफाई में पानी की बर्बादी रोकेगा। ट्रेनों की धुलाई में पुनर्चक्रित जल का उपयोग होगा। समस्तीपुर रेलमंडल में चार प्रमुख स्टेशनों समस्तीपुर, जयनगर, रक्सौल और सहरसा की वाशिंग पिट में 500 केएलडी (किलोलीटर प्रतिदिन) क्षमता वाले जल पुनर्चक्रण संयंत्र लगाए जाएंगे। प्रत्येक संयंत्र पर करीब 1.24 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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    पूरी परियोजना पर 4.99 करोड़ का अनुमानित व्यय तय किया गया है। रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है। इन संयंत्रों की मदद से ट्रेन धुलाई में इस्तेमाल किए गए पानी को साफ कर फिर से उपयोग में लाया जाएगा।

    हर महीने ट्रेनों की धुलाई में 36 लाख लीटर से अधिक पानी खर्च होता है। नए सिस्टम से प्रतिदिन 1.20 लाख लीटर पानी को रिसाइकिल किया जाएगा। ट्रेन सफाई के अलावा रेलवे परिसर के हरियाली अभियान में भी किया जाएगा।

    प्रतिदिन दर्जनों बोगियों की होती है सफाई

    रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले चारों प्रमुख वाशिंग पिट में हर दिन करीब 240 कोचों की सफाई होती है। एक बोगी को धोने में औसतन 500 से 600 लीटर पानी की आवश्यकता होती है, जिससे प्रतिदिन पानी की खपत 1.20 लाख लीटर से भी अधिक हो जाती है।

    अब इस पानी को रिसाइकिल कर न सिर्फ बोगियों की सफाई की जाएगी, बल्कि स्टेशन परिसर में पौधों की सिंचाई जैसे कार्यों में भी इसका उपयोग होगा। इससे पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ रेलवे की वित्तीय बचत भी होगी।

    ड्रेनेज सिस्टम को भी मिलेगा सुधार

    जल संरक्षण के साथ-साथ रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जा रही है। जयनगर और जनकपुर रोड यार्ड में ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर करने का कार्य भी शुरू किया जाएगा। जयनगर में 83.29 लाख रुपए और जनकपुर रोड में 83.42 लाख रुपए की लागत से यह कार्य किए जाएंगे। यह परियोजना 12 महीने की अवधि में पूरी करने का लक्ष्य है।

    गंदे पानी को रिसाइक्लिंग करने के लिए समस्तीपुर रेल मंडल में जल पुनर्चक्रण संयंत्र लगाए जा रहे हैं। ताकि पानी से प्लास्टिक व अन्य कचड़े को छान कर निकाला जाएगा। फिर उस पानी को केमिकल से साफ करके छोड़ा जाएगा, जिसका पुन: उपयोग किया जा सकेगा। हानिकारक केमिकल से मुक्त जल जाने से भूजल की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। समस्तीपुर, जयनगर, सहरसा व रक्सौल में इसे स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है। -विनय श्रीवास्तव, मंडल रेल प्रबंधक, समस्तीपुर।