Updated: Wed, 17 Sep 2025 03:44 PM (IST)
समस्तीपुर जिले में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत कारीगरों को लाभान्वित करने का कार्य तेजी से चल रहा है। तीसरे चरण में 897 लाभार्थियों को स्वीकृति मिली है जबकि पहले और दूसरे चरण में भी कई आवेदन स्वीकृत हुए हैं। इस योजना का उद्देश्य कारीगरों को प्रशिक्षण अनुदान और ऋण प्रदान करना है ताकि वे अपने कौशल को निखार सकें और बाजार में अपनी पहचान बना सकें।
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) के तहत जिले में कारीगरों और शिल्पकारों को लाभ पहुंचाने का कार्य तेजी से जारी है। जिले में अब तक स्टेज थ्री में 897 लाभार्थियों को स्वीकृति दी गई है, जबकि इस चरण में 234 आवेदन अभी भी लंबित हैं।
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योजना के स्टेज वन में 444 आवेदन लंबित हैं, जबकि 1124 लाभार्थियों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इसी तरह स्टेज टू में केवल दो आवेदन पेंडिंग हैं और 1092 लाभार्थियों को स्वीकृति मिल चुकी है।
कारीगरों को मिलेगा प्रशिक्षण और अनुदान
इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक हस्तशिल्प और औजारों से जुड़े कारीगरों को सशक्त बनाना है। योजना के तहत लाभार्थियों को अनुदान, प्रशिक्षण और ऋण की सुविधा दी जाती है।
18 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे कारीगर, जो असंगठित क्षेत्र में स्व-रोजगार कर रहे हैं और परिवार आधारित पारंपरिक 18 व्यापारों में संलग्न हैं, वे इस योजना के लिए पात्र माने जाते हैं।
योजना का मुख्य लक्ष्य कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल को बढ़ाकर उनके उत्पादों की गुणवत्ता सुधारना और उन्हें बाजार तक पहुंच उपलब्ध कराना है।
इसके तहत लाभार्थियों को कौशल विकास, आधुनिक तकनीकी का प्रशिक्षण और तीन लाख रुपये तक का जमानत-मुक्त ऋण दिया जाता है। इ ससे बेरोजगारों को नए रोजगार अवसर मिल रहे हैं और कारीगरों को अपनी शिल्पकारी को निखारने का मौका मिल रहा है।
पहचान पत्र और आईडी कार्ड का प्रावधान
योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड उपलब्ध कराया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान पांच से सात दिन का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिन का उन्नत प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण अवधि के दौरान उन्हें 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाता है।
साथ ही, बेसिक स्किल ट्रेनिंग की शुरुआत में 15 हजार रुपये तक का ई-वाउचर भी दिया जाता है। कारीगरों और शिल्पकारों को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए योजना में विशेष प्रावधान है। लाभार्थियों को प्रत्येक डिजिटल लेन-देन पर एक रुपये का भुगतान किया जाता है।
इससे उन्हें नकदी रहित व्यवस्था अपनाने में प्रोत्साहन मिल रहा है। इस योजना के लिए पात्रता तय की गई है। आवेदक को असंगठित क्षेत्र में स्वरोजगार से जुड़े होना चाहिए। उसकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
पंजीकरण के समय संबंधित व्यवसाय में सक्रिय होना अनिवार्य है। साथ ही, पिछले पांच वर्षों में पीएमईजीपी, पीएम स्वनिधि या मुद्रा योजनाओं से लाभ नहीं लिया होना चाहिए।
परिवार के केवल एक सदस्य को मिलेगा लाभ
उद्योग विभाग के महाप्रबंधक विवेक शर्मा ने कहा कि योजना के अनुसार प्रति परिवार केवल एक सदस्य इस योजना के पात्र होंगे। इसमें पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे शामिल होंगे।
सरकारी कर्मचारी और उनके निकटतम परिवार इस योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे। योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थियों को आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक खाते का विवरण और राशन कार्ड प्रस्तुत करना अनिवार्य है। यदि राशन कार्ड उपलब्ध नहीं है, तो परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड देना होगा।
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