Bihar Land News: जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों का राजस्व पर पड़ रहा बुरा असर, सरकार को हो रहा करोड़ों का नुकसान
सरकार ने जमीन रजिस्ट्री को लेकर 22 फरवरी से नये नियम लागू किए थे और अब बदले नियम के कारण जिले में 40 दिनों में करीब 50 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा हुआ है। बता दें कि समस्तीपुर निबंधन कार्यालय में करीब 15 करोड़ रूपये के राजस्व का नुकसान हुआ है तो वहीं किशनपुररोसड़ा दलसिंहसराय और पटोरी को मिलाकर यह आंकड़ा 50 करोड़ से ज्यादा पहुंच गया है।

जागरण समवाददाता, समस्तीपुर। जमीन रजिस्ट्री को लेकर बदले नियम के कारण जिले में 40 दिनों में करीब 50 करोड़ ररुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। समस्तीपुर निबंधन कार्यालय में करीब 15 करोड़ रूपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।
किशनपुर,रोसड़ा, दलसिंहसराय और पटोरी को मिलाकर नुकसान का यह आंकड़ा 50 करोड़ को पार कर गया है। जानकारी के अनुसार नये नियम के कारण जमीन रजिस्ट्री की संख्या में 75 से 80 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है।
ऐसे आई गिरावट
राजस्व प्राप्ति को लेकर इस वर्ष पूर्व निर्धारित लक्ष्य को तय करने में कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा है क्योंकि, गत माह ही लगभग निबंधन केंद्रो ने अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा कर लिया था।
गत वर्ष समस्तीपुर में जहां मार्च महीने में 1840 निबंधन कराया गया था। वहीं इस साल मार्च में यह संख्या केवल 428 पर जाकर ठकर गया। इसी तरह अन्य केंद्रो पर गिरावट आयी है।
नियम में हुये बदलाव से आयी कमी
सरकार ने जमीन रजिस्ट्री को लेकर 22 फरवरी से नये नियम लागू किए थे। इसके तहत अब जमीन का निबंधन तभी होगा जब जमीन आपके नाम पर होगी। यानी जमाबंदी बिक्री करने वाले के नाम से हो। ऐसी स्थिति में सबसे अधिक समस्या पैतृक जमीनों बेचने वाले लोगो को है।
अब उन्हें पहले जमीन अपने नाम से दाखिल खारिज कराने होगे। जिसके बाद ही जमीन का रजिस्ट्री करना संभव हो सकेगा। इसी नये नियम के कारण जमीन के निबंधन प्रभावित हुये है।
निबंधन कार्यालय में भीड़ घटी
नए नियम से प्रभावित हुई रजिस्ट्री के कारण इन दिनों निबंधन कार्यालय पर लगने वाली भीड़ घट गई है। अधिकांश समय काउंटर पर कम लोग ही नजर आते है। जबकि पहले काउंटर पर लोग लाइनों में खड़े नजर आते थे। जमीन खरीद-बिक्री को लेकर वह भीड़ इस समय नजर नहीं आती है।
जिला निबंधन कार्यालय के कातिबों ने बताया कि जमीन की रजिस्ट्री में ऑनलाइन जमाबंदी के साथ जमीन का खाता-खेसरा विक्रेता के लिए अनिवार्य किए जाने से उनके पास दस्तावेज लिखवाने वाले एक-दो लोग ही पहुंच रहे हैं। इस कारण अब वे दिनभर बैठे रहते हैं। यही हाल जिले के अन्य रजिस्ट्री कार्यालयों की भी है।
कहते हैं पदाधिकारी
समस्तीपुर के जिला अवर निबंधक हेमंत कुमार नए नियम लागू होने बाद में जमीन निबंधन में कमी आयी है। इससे जिले में गत दिनों में करीब 50 करोड़ रुपए राजस्व की हानि हुई है। हालांकि इस वर्ष के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है। लेकिन इस नियम के आने बाद में निबंधन की संख्या में कमी आयी है।
निबंधन की घटती संख्या
प्रत्येक दिन का ग्राफ
तारीख- समस्तीपुर : किशनपुर : रोसड़ा : दलसिंहसराय : पटोरी
18/03/24 - 30 : 25 :18 : 10 : 10
19/03/24- 12: 14: 12: 08: 08
20/03/24- 19: 19: 08: 07: 01
21/03/24- 17: 13: 13: 10: 07
23/03/24- 21: 18 :24 :15 :07
24/03/24- 02:01: 05: 04: 00
28/03/24- 29: 21: 17 :15 :16
30/03/24- 25: 16: 18: 10: 07
31/03/24- 02: 00: 05: 06: 00
नियम से पूर्व मार्च 2023 की स्थिति
तारीख- समस्तीपुर : किशनपुर : रोसड़ा : दलसिंहसराय : पटोरी
18/03/23 55 : 36 : 70 : 20 : 18
19/03/23 38 : 19 : 10 : 17 : 02
20/03/23 103 : 54 : 82 : 45 : 32
माह- समस्तीपुर : किशनपुर : रोसड़ा : दलसिंहसराय : पटोरी
फरवरी 2023- 1568 : 869 : 1282 : 702 : 413
फरवरी 2024- 1465 : 632 : 1033 : 589 : 342
मार्च 2023- 1840 : 1153 : 1657 : 889 : 506
मार्च 2024- 428 : 234 : 212 : 189 : 119
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