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    बिहार के 16 जिलों में होगी मखाने की खेती, किसानों को इकाई लागत का 75% मिलेगा अनुदान

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 02:14 PM (IST)

    बिहार के 16 जिलों में मखाने की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। किसानों को इकाई लागत का 75 प्रतिशत अनुदान मिलेगा, जिससे मखाना उत्पादन में वृद्धि होगी। यह यो ...और पढ़ें

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    बिहार के 16 जिलों में होगी मखाने की खेती

    प्रकाश कुमार, समस्तीपुर। बिहार के 16 जिलों में मखाने की खेती होगी। समस्तीपुर के अलावा दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया एवं भागलपुर हैं। एकीकृत बागवानी विकास मिशन अंतर्गत इसकी शुरुआत की जा रही है। इसके लिए उद्यान विभाग को समस्तीपुर जिले में 20 हेक्टेयर में मखाना की खेती कराने का लक्ष्य सौंपा गया है।

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    इस योजना में राज्य में कुल 1500 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। मखाना टूल्स किट पर भी 16 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा। इच्छुक किसान आनलाइन आवेदन कर रहे हैं। चयन प्रक्रिया 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर होगी। प्रत्येक किसान को न्यूनतम 0.25 एकड़ और अधिकतम पांच एकड़ मखाना की खेती पर अनुदान मिलेगा।

    विभागीय पोर्टल के डीबीटी पर पंजीकृत किसान, जो पहली बार मखाना की खेती करने के लिए इच्छुक हैं, उनका चयन किया जाएगा। इस पर विभाग की ओर से लागत का 75 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। उन्नत प्रभेदों का बीज उत्पादन कर मखाना की खेती में परंपरागत तरीके से निर्मित उपकरण किट उपलब्ध कराना है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।

    मखाना की खेती दिसंबर से प्रारंभ होकर अगस्त के अंतिम सप्ताह में समाप्त होती है। जिला उद्यान पदाधिकारी तारिक असलम ने बताया कि योजना की शुरुआत की गई है। इसको लेकर तैयारी की जा रही है।

    मखाना की खेती पर दो किस्त में मिलेगा अनुदान:

    मखाना की खेती के लिए निर्धारित इकाई लागत 0.97 लाख प्रति हेक्टेयर है, जिसमें बीज, अन्य इनपुट और हार्वेस्टिंग तक की राशि शामिल है। इस लागत का 75 प्रतिशत यानी 72 हजार 750 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान के रूप में दिया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 72 हजार 750 रुपये का 50 प्रतिशत, यानी अधिकतम 36 हजार 375 रुपये प्रति हेक्टेयर प्रथम किस्त के रूप में मिलेगा, जबकि वित्तीय वर्ष 2026-27 में दूसरी किस्त के रूप में राशि दिया जाएगा।

    पहले वर्ष के लिए स्वीकृत राशि बीज प्राप्त करने के बाद संबंधित आपूर्तिकर्ता को दी जाएगी। मखाना के क्षेत्र में कार्यरत संस्थान, जैसे राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केन्द्र दरभंगा, कृषि विज्ञान केन्द्र जाले दरभंगा एवं भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया में मखाना के उन्नत प्रभेदों का उत्पादन करेंगे। इसके साथ ही, परंपरागत उपकरणों के लिए भी अनुदान प्रदान किया जाएगा।

    मखाना टूल्स किट पर मिलेगा 16 हजार अनुदान:

    मखाना टूल्स किट में परंपरागत तरीकों से निर्मित उपकरणों यथा औका, गांज, कारा, खैन्ची, चलनी, चटाई, अफरा, थापी आदि का क्रय करने हेतु सहायता अनुदान मिलेगी। प्रति किट की अनुमानित इकाई लागत 22 हजार 100 रुपया निर्धारित किया गया है।

    इस पर 75 प्रतिशत यानि 16 हजार 575 रुपये प्रति किट दिया जाएगा।परंपरागत तरीकों से निर्मित उपकरणों बांस, लकड़ी एवं अन्य वस्तुओं से बनी होती है, जिसका उपयोग मखाना की खेती एवं प्रसंस्करण कार्य की विभिन्न अवस्थाओं में किया जाता है।