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    मानवीय भावनाओं के सागर थे महेंद्र शास्त्री

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 19 Dec 2020 12:40 AM (IST)

    विद्यापतिनगर में इलाके के नामचीन शिक्षाविद् डॉ.महेंद्र कुमार शास्त्री की दसवीं पुण्यतिथि शुक्रवार को गोपालपुर गांव स्थित उनके पैतृक आवास पर मनाई गई।

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    मानवीय भावनाओं के सागर थे महेंद्र शास्त्री

    समस्तीपुर । विद्यापतिनगर में इलाके के नामचीन शिक्षाविद् डॉ.महेंद्र कुमार शास्त्री की दसवीं पुण्यतिथि शुक्रवार को गोपालपुर गांव स्थित उनके पैतृक आवास पर मनाई गई। कार्यक्रम के दौरान राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं, साहित्यकारों व बुद्धिजीवियों ने उनके चित्र पर श्रद्धा पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जदयू प्रदेश सचिव धीरेन्द्र कुमार सिंह ने स्व.शास्त्री के शिक्षा जगत में दिए गए योगदान को याद करते हुए कहा कि वास्तव में वे शिक्षा की रोशनी को जागृति प्रदान करने वाले संवाहक व मानवीय भावनाओं के सागर थे। तरूण सांस्कृतिक चेतना समिति के तत्वावधान में दूसरे सत्र में आयोजित भव्य कवि सम्मेलन की अध्यक्षता भागवत प्रसाद सिंह ने की। वहीं संचालन चर्चित कवि सीताराम शेरपुरी ने किया। कवि सम्मेलन के दौरान मंचस्थ कवियों ने अपनी एक से बढ़कर एक स्वरचित काव्य पाठों से उपस्थित जनसमूह को बाग-बाग कर दिया। बेगूसराय जिले के मंसूरचक के युवा कवि मिन्टू झा ने कांप उठी धरती माता की कोख, कलयुग में अपराध का बढ़ा अब इतना प्रकोप..की प्रस्तुति से वर्तमान परि²श्य को प्रतिबिबित कर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। वयोवृद्ध साहित्यकार चांद मुसाफिर की रचना ''किसी की बेबसी पर बेवजह हंसना नहीं सीखा, आस्तीन का सांप बन दोस्तों को कभी डसना नहीं सीखा.. की प्रस्तुति को श्रोताओं ने जमकर सराहा। साहित्यकार डॉ.शैलेंद्र शर्मा त्यागी ने ''लूट गया सारा मालो''असबाब पहरेदार से पूछो, बिक रहा है वतन दिन व दिन जरा सरदार से पूछो..की प्रस्तुति दी। कवि सम्मेलन के दौरान कवियों और साहित्यकारों को आयोजक अशोक कुमार शास्त्री, सुभाष कुमार शास्त्री व सुधीर शास्त्री ने माल्यार्पण, अंग वस्त्र व पौधा प्रदान कर सम्मानित किया। मौके पर साहित्यकार व कवि डा.सुधीर प्रसाद सिंह, डॉ.एस.एन.झा, कुशेश्वर प्रसाद सिंह, विद्यासागर ब्रह्मचारी, उपेंद्र राम, अरुण मालपुरी, डॉ.शैलेंद्र शर्मा त्यागी, ज्वाला सांध्य पुष्प, अनिल अग्निहोत्री, उमेश कवि, आनंद कुमार, राजन कुमार, रामकिशोर चौधरी आदि ने अपनी-अपनी स्वरचित रचनाओं से उपस्थित श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया। इस अवसर पर समाजसेवी संजीत सहनी, प्रेमकिशुन महतो, अवधेश सिंह, राजीव कुमार, राकेश कुमार, राहुल कुमार, रजनीश कुमार, सौरभ शास्त्री आदि मौजूद रहे।

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