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    पेड़-पौधों के बिना जीवन संभव नहीं, सर्वागीण विकास का प्रमुख साधन

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 03 Jul 2020 11:48 PM (IST)

    समस्तीपुर। मनुष्य को अपना जीवन जीने के लिए पृथ्वी पर पेड़ पौधों का अस्तित्व होना भी आवश्यक है।

    पेड़-पौधों के बिना जीवन संभव नहीं, सर्वागीण विकास का प्रमुख साधन

    समस्तीपुर। मनुष्य को अपना जीवन जीने के लिए पृथ्वी पर पेड़ पौधों का अस्तित्व होना भी आवश्यक है। इससे प्राणवायु मिलने के साथ लोगों को केवल लाभ ही लाभ है। फलदार पेड़ों को लगा जहां लोग फलों के स्वाद के साथ व्यावसायिक रूप भी दे सकते हैं। वहीं पेड़ के बुजुर्ग होने पर भी कई प्रकार के फर्नीचर आदि का भी निर्माण किया जाता है। इसके अलावा फाइबर, रबर और शहद ऐसे पदार्थ भी पेड़ पौधों से ही प्रदान होता है। कुल मिलाकर मानव के सर्वांगीण विकास में पेड़ पौधों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो सकती है। इसमें कोई दो मत नहीं कि अब धीरे-धीरे लोग पौधारोपण की ओर निश्चित रूप से मुड़ने लगे हैं। वन महोत्सव सप्ताह के तीसरे दिन भी लोगों ने जगह-जगह पेड़-पौधे लगा पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। पर्यावरण एक्टिविस्ट राजेश कुमार सुमन भी वन महोत्सव सप्ताह पर प्रत्येक दिन विशेष पौधारोपण कर रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने एक बरगद का पेड़ लगाया। वहीं, जगह-जगह सैकड़ों नीम का बीजारोपण किया। उन्होंने पेड़ लगाने से कई प्रकार के फायदों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पहले तो प्राणवायु फिर पर्यावरण और उसके बाद लोगों के सभी प्रकार के काम में पेड़ पौधों का उपयोग किया जाता है। फलदार और औषधीय पौधों से काफी लाभ होता है। आम, कटहल, नींबू, शरीफा, जामुन, अमरूद एवं आंवला आदि पेड़ लगाकर लोग अपनी समृद्धि की राह खोल सकते हैं। पशु-पक्षियों के लिए भी पेड़ आश्रय का साधन है। क्षेत्र में महज एक दशक के बीच कई ऐसे किसानों की चर्चा करते हुए उन्होंने पौधारोपण से उनकी समृद्धि की गाथा सुनाई। औषधीय पौधों एलोवेरा, तुलसी एवं आमला आदि के औषधीय गुणों का बखान करते हुए प्रत्येक व्यक्ति को अपने अपने सुविधानुसार इसे लगाने की जरूरत बताई। कहा कि औषधीय पौधों की खेती कर भी लोग अपने समृद्धि का द्वार खोल सकते हैं। आज इन फलों की मांग काफी अधिक है। युवा पर्यावरणविद ने लोगों से हमेशा बेहतर पौधा लगाने की भी अपील की है। जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ परिवार और समाज को भी मजबूती मिल सके। आए दिन वृक्षारोपण में घुसपैठिए पौधों को शामिल करने से परहेज करना आवश्यक बताया। इससे पर्यावरण से लेकर समाज तक को नुकसान होने की बात कही। उन्होंने पेड़ को अपना जीवनसाथी बनाने की अपील करते हुए कहा कि प्रदूषण को कम करने का एक बेहतर तरीका है। इससे वायु जल तथा ध्वनि प्रदूषण भी नियंत्रित होता है।

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